गांवों में ही बैंकिंग सुविधा के लिए खुलेंगे पांच हजार केंद्र
लखनऊ। ग्रामीणों को गांवों में ही बैंकिंग सुविधा दिलाने के लिए 5000 बिजनेस कॉरस्पाडेंट (बीसी) केंद्र खोले जाएंगे। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) या अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए इससे भागदौड़ से मुक्ति मिलेगी। बीएलएस ई-सर्विसेज इन केंद्रों पर किसानों को फिंगरप्रिंट और मोबाइल ओटीपी से सभी प्रकार की बैंकिंग सर्विसेज की सुविधाएं देगा। बिजली-पानी बिल जमा करने के साथ मोबाइल रिचार्ज की सुविधा भी होगी।
यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में इससे पूरी तस्वीर बदल जाने की संभावना है। बीएलएस ई-सर्विसेज आने वाले दो सालों में इन केंद्रों को खोलेगा। ये सभी 2027 तक चरणबद्ध तरीके से शुरू होंगे। बीएलएस ई-सर्विसेज का मानना है कि इसका सबसे बड़ा असर उन गांवों पर पड़ेगा, जहां आज भी बैंकों तक पहुंचने में लोगों को घंटों लग जाते हैं। इस कदम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में नई गति आएगी और गांव छोटे-छोटे डिजिटल हब के रूप में उभरेंगे।
दरवाजे पर ही बैंक की सुविधा : गांवों में नए बीसी केंद्र खुलने के बाद खाते से पैसा निकालने, जमा करने, अनुदान और पेंशन के लिए शहर नहीं जाना पड़ेगा। फिंगरप्रिंट या मोबाइल ओटीपी से ही लेन-देन होगा। सरकारी योजनाओं का लाभ भी इसी केंद्र से मिल जाएगा। बीएलएस का कहना है कि इन केंद्रों के लिए स्थानीय युवाओं को एजेंट के रूप में जोड़ा जाएगा। उन्हें कंपनी की ओर से प्रशिक्षण और डिजिटल उपकरण दिए जाएंगे।
क्या है बीएलए ई-सर्विसेज
यह एक बैंकिंग सेवा एजेंसी है। यह भारत में प्रमुख बैंकों के लिए व्यावसायिक प्रतिनिधि सेवाएं (बिजनेस कॉरस्पाडेंट) देती है। यह भारतीय स्टेट बैंक जैसे राष्ट्रीयकृत बैंकों के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार संवाददाता है।
2027 तक हर ब्लॉक में आधुनिक बीसी केंद्र होगा। ग्रामीणों को भी अब वही बैंकिंग अनुभव मिलेगा, जो शहरों तक सीमित था।
-शिखर अग्रवाल, चेयरमैन, बीएलएस ई-सर्विसेज

