मथुरा। बेसिक शिक्षा विभाग ने अब विलय किए गए विद्यालयों की पुनः जांच (स्क्रीनिंग) कराने का निर्णय लिया है। जानकारी के अनुसार कई स्कूलों का विलय मानकों के विपरीत किया गया है। जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ऐसे में बेसिक शिक्षा अधिकारी रतन कीर्ति ने विलय किए गए स्कूलों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी है।
जिले में 140 परिषदीय स्कूलों का विलय किया गया है। राज्य सरकार ने ऐसे स्कूल विलय किए थे, जिनमें विद्यार्थियों की संख्या 50 से कम है। प्राथमिक स्कूलों को एक किमी के भीतर और उच्च प्राथमिक को तीन किमी के दायरे के स्कूलों में विलय किया गया। मगर इनमें कुछ ऐसे प्राथमिक विद्यालय भी हैं, जिन्हें एक किमी से अधिक दूरी के स्कूलों में विलय कर दिया है। इससे छोटे बच्चों को आने-जाने में कठिनाई हो रही है।
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वहीं, कुछ स्थानों पर छात्र संख्या और भौगोलिक स्थिति को नजरअंदाज करते हुए मनमाने तरीके से विलय किए जाने के आरोप भी लगे हैं। इस स्थिति को देखते हुए विभाग ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने क्षेत्र में किए गए स्कूल विलयों की विस्तृत जांच करें। जांच के दौरान यह देखा जाएगा कि विलय प्रक्रिया निर्धारित मानकों (दूरी, छात्र संख्या, भवन की स्थिति, शिक्षकों की उपलब्धता और भौगोलिक सुविधा) के अनुरूप की गई थी या नहीं।
बनाई स्क्रीनिंग कमेटी
बेसिक शिक्षा अधिकारी रतन कीर्ति ने कहा है कि यदि किसी भी विद्यालय का विलय नियमों के विपरीत पाया जाता है तो उसका विलय तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाएगा। उन्होंने ने स्पष्ट किया है कि उद्देश्य स्कूलों के एकीकरण से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना था। न कि विद्यार्थियों को असुविधा देना। इस संबंध में उन्होंने एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई है। जो कि उन्हें जांच रिपोर्ट भेजेगी। बीएसए का यह कदम उन अभिभावकों और शिक्षकों के लिए राहत भरा साबित हो सकता है, जो लंबे समय से गलत विलय को लेकर शिकायतें कर रहे थे।