15 October 2025

विवादों के बाद शासन का बड़ा फैसला, वरिष्ठतम शिक्षक को ही दिया जाएगा विद्यालय का प्रभार; जारी हुए निर्देश

परिषदीय विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद को लेकर जारी विवाद और न्यायिक हस्तक्षेप के बीच शासन ने अब स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने सभी जिलों में वरिष्ठता के आधार पर विद्यालायों का प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। इससे वर्षों से लंबित विवादों और भ्रम की स्थिति पर विराम लगने की उम्मीद है।




अपर मुख्य सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद बनाम त्रिपुरारी दुबे मामले में स्पेशल अपील याचिका में जारी आदेश का अनुपालन किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि वरिष्ठतम शिक्षक को ही पर्यवेक्षणीय दायित्वों के निर्वहन के लिए अधिकृत किया जाए। किंतु इसके लिए कोई अतिरिक्त पारिश्रमिक नहीं दिया जाएगा। 
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उन्होंने सभी बीएसए को यह भी निर्देश दिया है कि जिन विद्यालयों में प्रधानाचार्य का पद खाली है। इस पर प्रभारी प्रधानाध्यापक तैनात करने के लिए जिले के शिक्षकों की वरिष्ठता सूची तैयार की जाएगी। उसी के आधार पर उनको प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर तैनात किया जाएगा।

वरिष्ठ के द्वारा लिखित सहमति देने पर कि वह इसके लिए सहमत नहीं हैं, तो उनके ठीक बाद के वरिष्ठ शिक्षक को प्रभारी प्रधानाध्यापक का प्रभार दिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने इस आदेश का अनुपालन करते हुए एक सप्ताह में शासन को सूचित करने का भी निर्देश दिया है। बता दें कि प्रदेश के कई जिलों व विद्यालयों में प्रधानाध्यापक पद पर तैनाती व वरिष्ठ को चार्ज देने को लेकर विवाद चल रहा था।

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