13 December 2025

बीमा क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश को मंजूरी, बीमा कानून संशोधन विधेयक पर कैबिनेट ने लगाई मुहर

 

। केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को भारतीय बीमा कंपनियों में 100 फीसदी विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति देने वाले बीमा कानून (संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दे दी।



सरकार का कहना है कि इससे बीमा सेक्टर में बड़े विदेशी निवेश आएंगे, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।यह बिल मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। यह उन 13 विधेयकों में शामिल है, जिन पर इस सत्र में चर्चा होनी है। इस वर्ष केंद्रीय बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 74 से बढ़ाकर 100 फीसदी करने का प्रस्ताव रखा था।


इस विधेयक में कई संशोधन शामिल हैं, एफडीआई सीमा बढ़ाना, बीमा कंपनियों के लिए पूंजी की शर्तें आसान करना और एक नया समग्र लाइसेंसिंग ढांचा तैयार करना। इसके साथ ही सरकार एलआईसी के बोर्ड को अधिक अधिकार देने की भी तैयारी में है, जिनमें नए ब्रांच खोलने, भर्ती करने और संचालन संबंधी फैसले लेने की स्वतंत्रता शामिल होगी। इन बदलावों का उद्देश्य पॉलिसीधारकों की सुरक्षा बढ़ाना, कंपनियों की वित्तीय मजबूती सुनिश्चित करना और बीमा क्षेत्र में नई कंपनियों को प्रवेश के लिए प्रोत्साहित करना है। सरकार आईआरडीएआई और बीमा एक्ट में भी संशोधन करेगी। सरकार का कहना है कि इन सुधारों से बीमा उद्योग की दक्षता बढ़ेगी, व्यवसाय करना आसान होगा, नए खिलाड़ी बाजार में आएंगे और देश में बीमा कवरेज में वृद्धि होगी। इससे वर्ष 2047 तक हर व्यक्ति को बीमा उपलब्ध कराने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।

बेहतर सेवाएं, तकनीक

विदेशी निवेश से बीमा कंपनियां नई तकनीक, डिजिटल सेवाएं और बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान कर पाएंगी।


रोजगार के अवसर

कंपनियों के विस्तार से बीमा क्षेत्र में एजेंटों और अन्य कर्मचारियों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।


ग्रामीण और छोटे शहरों में पहुंच

बीमा कंपनियों के विस्तार से बीमा उत्पादों की पहुंच छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक बढ़ेगी।


कम प्रीमियम

प्रतिस्पर्धा बढ़ने से कंपनियां ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए प्रीमियम दरें कम कर सकती हैं, जिससे बीमा किफायती हो जाएगा।