13 December 2025

"पेंसिल छोटी, सपने बड़े — यही हैं हमारे बेसिक के बच्चे": असली परीक्षा

 * असली परीक्षा

बेसिक विद्यालयों के बच्चे ही देते हैं..



परीक्षा के नाम पर इन्हें कोई भय नहीं होता..


परीक्षा देने जो बच्चे जा रहे हैं... 

उनकी Pencil की लंबाई उनके... 

Parents को पता ही नहीं होती..... 

बार बार इधर उधर ताकते.... 

Teacher से कहते है.... 

Pencil नाई है.... सज्जी


घर जाते है तो कोई नहीं पूछता

 कि पेपर कैसा हुआ... 

बस हो गया इतना ही काफी है.... 

ये बेफिक्री में है.... 


इन्हें स्ट्रेस टेंशन जैसे शब्द पता नहीं हैं अभी..


कुछ तो सुबह आकर पूछते हैं.... 

आज कायको पेपर है सरजी/मैम जी....

जिसका भी हो देने को एकदम तैयार... 


ये तीन दिन में 6 paper निपटाते हैं...

बिना किसी gap 

फिर एक्जाम खत्म होने की खुशियां मनाते हैं... 

न आगे आने की होड़... 

न पीछे होने का गम..... 

Result कार्ड 33% का भी हो तो..... 

तब भी चेहरे पर smile 180 की लाते हैं......


ये किताबों से कम जिंदगी से ज्यादा सीखते हैं,

कठिन रास्तों पर चलकर भी सागर लांघते है..

इन्होंने कम उम्र में ही सीख लिया है

हर मुश्किल से लड़ना,

ये शिक्षा बड़े से बड़े विद्यालय देने में सक्षम नहीं।।


ये अपने संघर्षों को अपना परचम बनाते हैं.... 🚩

और इन्ही रास्तों से होकर सितारा बनकर जगमगाते हैं....

सच कहें..... ये बेसिक के बच्चे....

कुछ न... में भी हँसना सिखाते हैं..