केंद्र सरकार ने शुक्रवार को देश में पहली बार डिजिटल जनगणना कराने की घोषणा की। इसमें ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा। वर्ष 2027 तक पूरी होने वाली जनगणना के लिए 11,718 करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। जनगणना दो चरणों में होगी। पहले चरण में अप्रैल से सितंबर 2026 तक मकानों की सूची और आवास के आंकड़े जुटाए जाएंगे। वहीं, दूसरे चरण के तहत फरवरी 2027 में जनसंख्या की गणना की जाएगी।
1931 में आखिरी बार हुई थी जातिगत गणना : केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड के बर्फ से ढके दूर-दराज के क्षेत्रों में जनगणना सितंबर 2026 में कराई जाएगी। वैष्णव ने कहा कि भारत में ब्रिटिश सरकार ने वर्ष 1931 में आखिरी बार जातिगत गणना कराई थी। स्वतंत्रता के बाद कराई गई सभी जनगणनाओं में जाति का कॉलम हटा दिया गया था।


