लखनऊ, परिषदीय शिक्षकों का 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होने पर चयन वेतनमान लगने का प्रावधान है। हजारों शिक्षक 10 वर्ष की संतोषजनक सेवा अवधि तीन महीने पहले ही पूरी हो जाने के बाद भी चयन वेतनमान लगने का इंतजार कर रहे हैं।
शिक्षकों ने बताया कि अधिकारियों द्वारा शुरुआती कार्य के बाद पोर्टल मेंटेनेंस तथा टेक्निकल समस्या बताकर तीन महीने बीत जाने के बाद भी चयन वेतनमान अभी तक नहीं लगाया गया जबकि हजारों की संख्या में शिक्षक चयन वेतनमान लगने की बाट जोह रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता और तकनीकी समस्या के नाम पर चयन वेतनमान को टालना शिक्षकों पर भारी पड़ रहा है। शिक्षकों ने विभागीय उदासीनता का आरोप लगाते हुए बताया कि उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से लेकर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं, इसके बावजूद न तो कोई सुनने को तैयार है न ही कोई तेजी दिखाई दे रही है। इससे शिक्षक हताश व नाराज है। चयन वेतनमान में लापरवाही बरतने वाले 25 जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की समीक्षा बैठक पिछले माह हो चुकी है, इसके बावजूद कुछ अधिकारी, उच्च अधिकारियों के आदेश को नजरअंदाज करते नजर आ रहे हैं। प्रदेश में लगभग 50 हजार शिक्षकों का चयन वेतनमान लंबित बताया जा रहा है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ लखनऊ जिले के जिलाध्यक्ष वीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में 29000 विज्ञान गणित व 72825 शिक्षकों की भर्ती के 10 वर्ष सितंबर में पूरे हो चुके हैं फिर भी ये शिक्षक चयन वेतनमान से वंचित है। उन्होंने बताया कि मानव संपदा पोर्टल के चयन वेतनमान सेक्शन में तकनीकी खराबी बताकर चयन वेतनमान रोक दिए गए हैं, जिससे शिक्षकों के आर्थिक वृद्धि का नुकसान हो रहा है।
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कुमार पांडे ने बताया कि शिक्षकों पर विभागीय काम कराने के लिए सारे नियम कानून थोप दिए जाते हैं लेकिन जब शिक्षकों के अधिकार की बात होती है तो बहाना बताकर टाल दिया जाता है। उन्होंने तत्काल चयन वेतनमान लगाने की मांग करते हुए कहा है कि यदि इसमें तकनीकी समस्या आ रही है तो इसी महीने सभी शिक्षकों का ऑफलाइन चयन वेतनमान लगाया जाए।

