लखनऊ। प्रदेश में निजी विद्यालयों की मान्यता को लेकर मामले लंबे समय तक लटकाए नहीं जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने संबंधित अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं कि किसी भी जिले में मान्यता के प्रकरण लंबित नहीं रहने चाहिए। सभी मंडलीय सहायक शिक्षा अधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी नियमित रूप से मान्यता समिति की बैठक करें ताकि समय से मामलों का निस्तारण हो सके।
विभाग की व्यवस्था के अनुसार मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन हर साल एक अप्रैल से 31 दिसंबर तक लिए जाते हैं। नियमतः आवेदन मिलने के तीन दिन के अंदर बीएसए उसे बीईओ को निरीक्षण के लिए भेजेंगे। बीईओ को दस दिन के अंदर विद्यालय का स्थलीय निरीक्षण कर आख्या देनी होती है।
इसके बाद समिति की बैठक करके प्रकरणों पर निर्णय लिया
जाता है। हालांकि कई जिलों में यह शिकायत मिली है कि बीएसए व बीईओ के स्तर पर अनावश्यक आपत्तियां लगाकर मामलों को लंबित रखा जाता है। इसकी शिकायतें निदेशालय में भी हुई हैं। इस पर निदेशालय ने सख्त रुख अपनाया है।
बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने निर्देश दिया है कि हर शुक्रवार होने वाली बैठक में अनिवार्य रूप से लंबित प्रकरणों का निस्तारण करना होगा। व्यवस्था को अधिक पारदर्शी एवं व्यवस्थित बनाया जाए। नियमतः विद्यालय को एक वर्ष के लिए और फिर मानकों का परीक्षण कर स्थायी मान्यता दी जाए

