संविदा कर्मियों को अभी नियमित करने से शासन ने किया इनकार, अन्य इन मुद्दों पर भी हुई बात


लखनऊ। प्रदेश के संविदाकर्मियों को फिलहाल मायूसी हाथ आई है। शासन ने संविदा कर्मियों को नियमित करने संबंधी किसी प्रस्ताव से इनकार किया है। हालांकि, सातवें वेतन समिति की संस्तुतियों पर लंबित निर्णय कराने जुलाई 2021 से महंगाई भत्ते का भुगतान व सुनिश्चित कॅरिअर प्रोन्नयन (एसीपी) निर्धारण संबंधी शासनादेश की विसंगति दूर करने की मांग पर विचार के निर्देश दिए गए हैं।

दरअसल, बीते दिनों मुख्य सचिव आरके तिवारी की अध्यक्षता में गठित समिति की कर्मचारियों की समस्याओं पर विचार के लिए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद (जेएन तिवारी, एसपी तिवारी व संजीव पांडेय गुट) के साथ बैठक हुई थी। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मांगों पर चर्चा हुई। बैठक में हुए निर्णय व उस पर कार्यवाही संबंधी कार्यवृत्त जारी कर दिया गया है। कर्मचारी नेताओं ने सभी विभागों के संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की थी, लेकिन शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि संविदा कर्मियों को नियमित करने का फिलहाल कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

पुरानी पेंशन बहाली संबंधी मांग पर भी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। अधिकारियों ने यह जरूर आश्वस्त किया कि नौकरी में आने के साथ ही प्रान' खाता खोलने की व्यवस्था अनिवार्य की जाएगी। इसके लिए वित्त विभाग को अलग से शासनादेश जारी करने को कहा गया है। संगठनों की ओर से जुलाई से मिलने वाले महंगाई भत्ते के के भुगतान का भी मामला उठाया गया। इस पर वित्त विभाग को विचार के निर्देश दिए गए हैं। 29 सितंबर 2020 के शासनादेश में एसीपी संबंधी विसंगति दूर करने के लिए भी वित्त विभाग को निर्णय लेने को कहा गया है।

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