अनुकरणीय:शिक्षकों ने चित्रकारी से विद्यालय परिसर बना आकर्षक

 

लक्ष्मीपुर। सरकारी स्कूल का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में एक छवि बन जाती है कि वहां के बच्चों का शैक्षणिक स्तर एक निम्न स्तर का होगा। लेकिन, लक्ष्मीपुर क्षेत्र कम्पोजिट विद्यालय महदेवा बसडीला इस बात को गलत साबित कर रहा है। लोग अपने बच्चों का नाम प्राइवेट स्कूलों से कटाकर इन सरकारी स्कूलों में करा लिए हैं। इसलिए यहां की बच्चों की संख्या बढ़ कर 277 हो गई है। कमरे दीवारें व बाउंड्रीवाल पर चित्रकारी से विद्यालय परिसर आकर्षक लगता है।



कम्पोजिट विद्यालय महदेवा बसडीला के प्रधानाध्यापक ध्रुवनारायण गुप्त ने बताया कि कम्पोजिट ग्रांट व ग्राम पंचायत के धन से विद्यालय को सुसज्जित करने में हर प्रयास किया जा रहा है। विद्यालय में शिक्षक मदन मुरारी, अशोक कुमार यादव, फुरकान अली अंसारी, विश्वनाथ चौधरी, धर्मेंद्र कुमार तैनात हैं। जिनके सहयोग और सामंजस्य से वर्तमान में 277 बच्चों का पंजीकरण हो गया है। जो फिछले वर्ष की अपेक्षा 30 फीसदी ज्यादा है। उच्च प्राथमिक विद्यालय का भवन और भीतर | सुविधाएं इतनी शानदार हैं कि प्राइवेट स्कूल मात खा जाएं। यहां का प्रबंधन और शिक्षा से की गुणवत्ता भी निजी स्कूलों से बेहतर हैं। बच्चों के आत्मविश्वास व शिक्षकों द्वारा पढ़ाई के प्रति रुचि ऐसी है कि यह सरकारी स्कूल एक मिसाल बन गया है। यहां के शिक्षकों के प्रयास ने सरकारी स्कूलों को निजी स्कूल से कमजोर आंकने का मिथक तोड़ दिया है।

विद्यालय में जब भी किसी बच्चे का जन्मदिन होता है। तब उसके नाम पर विद्यालय परिसर में फूल, पौधे लगाए जाते हैं। अब पौधे लगा चुके हैं। विद्यालय परिसर में आम, अमरूद सहजन, गोल्डमोहर, नीम जैसे कई पेड़ लगा दिए गए हैं। जो परिसर की शोभा बढ़ा रहे हैं। विद्यालय की रंग बिरंगी दीवारें और उनपर कविताएं व पहाड़े लिखे हैं। वहीं दूसरी तरह कक्षाओं में बेंच व डेस्क पर व्यवस्थित रुप से बैठकर पढ़ते बच्चों को देखकर हर किसी को लगता है कि ये कोई महंगा प्राइवेट स्कूल है। बच्चों के लिए पुस्तकालय की भी व्यवस्था की गई है। फूल पत्तियों की क्यारियां परिसर में

बिखेर रही खुश्बू: कम्पोजिट विद्यालय महदेवा बसडीला के बच्चों व शिक्षकों द्वारा क्यारियां बना कर विभिन्न प्रकार के फूल पत्तियां लगाई गई है। जो पूरे परिसर में खुश्बू बिखेर रही हैं। स्कूल के पास से गुजरने पर फूलों की महक से लोग विद्यालय परिवार की ग्रामीण सराहना करते हैं। विद्यालय में किचेन गार्डन भी है। जिसमें साग, सब्जियां, लहसून, मूली, धनिया आदि लगाई गई है। जिसकी देखभाल रसोइया व शिक्षकों द्वारा की जाती है।