मतदान के अंतिम समय में कर्मचारियों ने गरमाया पुरानी पेंशन का मामला

मतदान के अंतिम समय में कर्मचारियों और शिक्षकों ने पुरानी पेंशन का मामला गरमा दिया है। राजस्थान सरकार के पुरानी पेंशन लागू करने से अब शिक्षकों और कर्मचारियों की मांग प्रबल हो गई है। सोशल मीडिया पर इन दिनों और मुद्दे गौड़ हो गए हैं । सिर्फ पुरानी पेंशन की बहाली पर चर्चा छिड़ी है।


राजस्थान की अशोक गहलौत सरकार के बुधवार को पुरानी पेंशन बहाल करने और एक जनवरी 2004 के बाद नियुक्त सभी शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का तोहफा देने से कर्मचारी और शिक्षक नेता खुश हैं। जिले के शिक्षकों और कर्मचारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में राजस्थान के मुख्यमंत्री को शाबासी मिल रही है, वहीं यूपी में भी पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर कर्मचारी और शिक्षक नेता पुरानी पेंशन पर तीखी प्रक्रिया प्रकट कर रहे हैं।

बुधवार को शिक्षकों और कर्मचारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में जुबानी जंग होती रही। कुछ लोग नई पेंशन तो कुछ लोग पुरानी पेंशन की मांग पर अपनी प्रतिक्रिया प्रकट करते रहे। हालांकि अधिकांश कर्मचारी और शिक्षक पुरानी पेंशन की मांग को जायज ठहरा रहे हैं। चुनाव के अंतिम समय में कर्मचारी अपनी सभी मांगों को पीछे छोड़ते हुए सिर्फ पुरानी पेंशन बहाल करने की वकालत कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन शिक्षकों और कर्मचारियों का हक है। हम उसे लेकर रहेंगे। अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे। चुनाव खत्म होने के बाद इस मुद्दे पर संघर्ष होगा। राजस्थान सरकार ने जिस प्रकार शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का तोहफा दिया है, ठीक उसी प्रकार यूपी सरकार में गठित होने वाली नई सरकार को करना चाहिए। रामचंद्र सिंह, जिलाध्यक्ष, शिक्षक कर्मचारी समन्वय समिति