चुनावी ड्यूटी पर जाने से स्कूलों में हुई शिक्षक की कमी, बच्चों की पढ़ाई हो रही बाधित

विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के ज्यादातर शिक्षकों और कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगी है। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। ऐसे में शुक्रवार को अमर उजाला की टीम ने जिले के परिषदीय विद्यालयों की पड़ताल की। इस दौरान सामने आया कि चुनावी ड्यूटी की वजह से ज्यादातर स्कूल एक या दो शिक्षकों के भरोसे ही चल रहे हैं तो वहीं कई स्कूलाें में ऐसे भी है जहां दूसरे स्कूलों से शिक्षक बुलाए जा रहे हैं। जब एक शिक्षक चुनाव ड्यूटी खत्म करके स्कूल आता है तो दूसरा शिक्षक चुनाव ड्यूटी करने जाता है।


स्थान : प्राथमिक विद्यालय पुलिस लाइन
समय: 1:43 से 1.53 बजे
विद्यालय के एक कमरे में ताला लटका रहा, वहीं दो कमरों में बाहर से कुंडी लगी हुई थी। प्रधानाध्यापक मधुर श्रीवास्तव बच्चों को एक कक्षा में बैठाकर नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ा रहीं थीं। यहां चार अध्यापक तैनात हैं, दो बीएलओ ड्यूटी में पर्ची बांटने गई थीं। वहीं एक शिक्षक विभागीय ट्रेनिंग में शामिल होने यूआरसी गई थीं।

स्थान : प्राथमिक कन्या पाठशाला पांडेयपुर
समय : 2:10 से 2: 2:15 बजे
प्राथमिक कन्या पाठशाला पांडेयपुर के एक कमरे में ही दो शिक्षक कक्षा तीन और चार के बच्चों को पढ़ा रहीं थीं। वहीं दूसरी कक्षा में ट्रेंनिग पर आई डीएलएड प्रशिक्षु बच्चों को हिंदी पढ़ाती मिलीं। विद्यालय में तीन शिक्षक तैनात हैं, इसमें से एक शिक्षक पर्ची बांटने गई थीं।
कंपोजिट विद्यालय पिसनहरिया
समय 2:15 से 2:25
विद्यालय के एक कमरे में एक शिक्षक कक्षा आठ के बच्चों को पढ़ा रहीं थी। विद्यालय में नौ शिक्षक तैनात है, इसमें छह की ड्यूटी चुनाव में गए हुए थे। प्रधानाचार्य कक्ष में कुछ शिक्षक डीबीटी तो कुछ बीएलओ की पर्ची निकालने का काम कर रहे थे।
प्राथमिक विद्यालय नरिया
समय 1:30 से 1:40
विद्यालय के दो कमरोें में से एक में शिक्षामित्र बच्चों को पढ़ा रहे थे। वहीं दूसरी कक्षा में कुछ बच्चे किताब पढ़ रहे थे, तो कुछ कक्षा के बाहर घूम रहे थे। विद्यालय में तीन शिक्षक तैनात है, जिसमें प्रधानाध्यापक चुनाव प्रशिक्षण में गई हुई है। वहीं एक शिक्षामित्र बीएलओ ड्यूटी में गए थे।
जिले के शिक्षकों की ड्यूटी चुनाव प्रशिक्षण में लगाई गई है, इस वजह से स्कूलों में दिक्कतें हैं। पढ़ाई बाधित न हो इसके लिए जहां शिक्षक ज्यादा हैं, उन स्कूलों से शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में ड्यूटी लगाई गई है।- राकेश सिंह, बीएसए