डीबीटी में खराब प्रदर्शन पर खंड शिक्षाधिकारियों को नोटिस जारी


संदिग्ध डेटा, नॉन सीडेड अकाउंट और अध्यापक स्तर पर लंबित प्रकरण सुल्तानपुर यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्कूल बैग के लिए मिलने वाली डोबोटी के काम में खराब प्रदर्शन पर बीएसए ने खंड शिक्षाधिकारियों को नोटिस जारी की है। सभी बीईओ को अलग अलग नोटिस देकर उनके क्षेत्र में वंचित बच्चों के डाटा को ठीक कराने का निर्देश दिया गया है।

जिले के 2,79,191 पंजीकृत छात्र छात्राओं में से 2,21,797 बच्चों को डीबीटी के जरिए धनराशि उनके अभिभावकों के खाते में भेजी गई है। शेष 57,394 विद्यार्थियों को अभी भी धनराशि नहीं मिल पाई है। इसमें बड़ी संख्या में नॉन सीडेड अकाउंट हैं। जिले भर में 5,062 विद्यार्थियों के अभिभावकों के खाते नॉन सीडेड श्रेणी में है। वहीं 1,009 बच्चे संदिग्ध की श्रेणी में है इनमे 866 शिक्षक स्तर पर और 143 खंड 5 1 शिक्षाधिकारियों के स्तर पर हैं। इसके न अलावा 3,046 विद्यार्थियों का डाटा शिक्षकों के स्तर से ही फीड नहीं हुआ है। 1652 का आधार सत्यापित नहीं है। 196 खंड शिक्षाधिकारियों के स्तर से लंबित है। इस स्थिति को देखते हुए बीएसए दीवान सिंह यादव ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी कर डीबीटी प्रक्रिया को पूर्ण कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि डोबोटी के माध्यम से हस्तांतरित की जा रही धनराशि से विद्यार्थियों को लाभ होना है। यह काम शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से है। अगले सप्ताह शासन से समीक्षा होगी समीक्षा में जिले की स्थिति खराब नहीं दिखनी चाहिए।

दोस्तपुर में सर्वाधिक 1286 मामले लंबित

डीचोटी के काम में सर्वाधिक 1286 में. पेंडेंसी (अनिर्णय) दोस्तपुर विकासखंड में है। अखंडनगर में 1036, बल्दीराय में 939 धनपतगंज में 860, जयसिंहपुर में 743; नगर क्षेत्र में 677, कादीपुर में 563, कूरेभार में 429, दूबेपुर में 602, भदैया में 396, मोतिगरपुर में 376, में कुड़वार में 227 लभुआ में 340, प्रतापपुर कर्मचा में 499 बच्चों के डाटा पेंडिंग है सबसे कम 144 पेंडेसी का विकासखंड में है।

लापरवाही पर कार्रवाई के लिए लिखा जाएगा पत्र

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी दीवान सिंह यादव ने कहा है कि डोबोटों के लंबित कामों को तीन दिन के अंदर पूर्ण कराने का निर्देश खंड शिक्षाधिकारियों को दिया गया है। यदि काम पूर्ण नहीं होता है तो संबंधित खंड शिक्षाधिकारी के विरूद्ध शासकीय योजना के क्रियान्वयन में रुचि नहीं लेने के आरोप में कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।