दस वर्ष हुए पहले हुए आवेदनों की शुल्क वापसी अटकी, बेसिक शिक्षा विभाग ने डायट व बीएसए से मांगा ब्योरा


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के 72825 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए वर्ष 2012 में बीएड योग्यताधारी व टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से लिए गए आवेदन शुल्क की वापसी अब तक नहीं हो सकी है। इसके लिए अब ब्योरा मांगा जा रहा है।


इन पदों पर भर्ती के लिए सबसे पहले 2011 में आवेदन कराए गए थे, लेकिन बाद में अनियमितता के आरोप में सरकार ने प्रक्रिया निरस्त कर दी थी। इसके बाद 2012 में नए सिरे से आवेदन कराए गए। इस पर पूर्व में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों ने अदालत की शरण ली और वहां से पहले के आवेदन प्रक्रिया को सही ठहरा दिया गया। इसके बाद वर्ष 2018 में दोबारा की प्रक्रिया में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों का आवेदन शुल्क लौटाने का फैसला किया गया।

इस संबंध में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के स्तर पर आवेदकों से शुल्क वापसी के लिए बैंक खाते, मोबाइल नंबर आदि का ब्योरा लिया गया था। इसके बावजूद अब तक आवेदकों का आवेदन शुल्क वापस नहीं हो सका है। इसके तहत सामान्य व पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को 500-500 रुपये व एससी, एसटी अभ्यर्थियों को 200-200 रुपये वापस होने होने हैं। इस संबंध बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल ने सभी डायट प्राचार्यों व बीएसए को पत्र भेजा है कि जरूरी राशि के लिए 31 जुलाई तक निर्धारित प्रारूप पर मांगपत्र भेजें।