खाना ऑर्डर करने से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग करने तक और अपने घर की सफाई कराने तक, कैब बुक करने और रास्ते की तलाश करने तक, रोजाना किसी-न-किसी ऐप से हमारा सामना होता ही है। इसने हमारे काम करने, खेलने, संवाद करने और खरीदारी करने के तरीकों में बदलाव ला दिया है। ऐप ने सहूलियतें तो दी है, पर इसके बदले कुछ ऐप आपकी जरूरी जानकारी को भी चुरा रहे है। ऐप से जुड़े कुछ जोखिमों के बारे में बता रहे हैं
(आईटी विशेषज्ञ बालेन्दु दाधीच)
आज हर हाथ में है और हर काम के लिए ऐप संदेश भेजने के लिए ऐप फोटो खाँधने के लिए ऐप चैट करने के लिए ऐए, तो वीडियो कॉल करने के लिए ऐप पैसे के लेन-देन के लिए तो रेडियो सुनने और फोटो को खूबसूरत बनाने के लिए ऐप आपके मोबाइल में तमाम किस्म के ऐप है, फिर भी मन है कि भरता नहीं माने अकेले गूगल आज स्टोर पर 26 18.5 लाख आईटी विशेषज्ञ ऐस है। फोन के अनुसार, भारत अब प्रति इंस्टॉल और उपयोग किए जाने की संख्या में विश्व स्तर पर नंबर एक देश बन गया है। जाहिर है ऐप हमारी जरूरत बन गए हैं। लेकिन इस बात को भी तो नजरअंदाज नहीं जाता है कि कुछ ऐप क्तिगत जैसे मैसेज, फोटो, कॉल हिस्ट्री को जासूसी करने की कोशिश करते हैं।
इसके लिए हम ही जिम्मेदार हैं
लोग धड़ा धड़ एप्प डाउनलोड करने लगे हैं, बिना इस तरफ गौर किए कि इन्स्टॉल किए जाते समय यह ऐप आपसे कैसी-कैसी मांग रहा है, जैसे- आपके कॉन्टेक्ट्स की सूची देख सकते हैं आपके कैमरे का इस्तेमाल कर सक कोएक्सरस क्या आपकी फोन पर कुछ स्टेर कर सकते हैं? - लेकिन ऐसी भी क्या जल्दी है कि आप हर एक ऐप को अपना सब कुछ थमा देने को आमादा है? जो आप किसी दूसरे इंसान की देने की बात सपने में भी नहीं सोच सकते, लेकिन ऐप्स को समय कभी नहीं ऐसा करके आप अपनी ही परेशानी बढ़ा रहे है, क्योंकि हमे ही नहीं होता कि कौन से ऐप्स हमारी जासूसी कर रहे हैं। असल में कुछ ऐप्स किसी की ही तरह आपको और सूचनाओं पर निगाह रखने तथा उ अपराधी तक भेजने में सक्षम है। इन सूचनाओं में आपको पहचान से जुड़ी तमाम जानकारियां है, जैसे फोन नंबर, पता, फोटो और यहां तक कि पहचान पत्र जैसे दस्तावेज भी
एक ऐसा ही किस्सा 14 साल की लड़की के साथ हुआ। उसकी गलती यह थी कि उसने एक ऐसे लिंक पर क्लिक कर दिया था, जिसमें ईनाम देने की बात कही थी। बाद में उसका अकाउंट हैक कर लिया गया था और पैसे के लिए उसको धमकी भरे फोन आ रहे थे।
आपको याद हो तो पिछले साल मुंबई में एक 16 साल के लड़के ने अपनी मां के बैंक खाते से पवजी खेलने के लिए 10 लाख रुपये खर्च कर दिए 'थे।
एक ऐसा ही केस मध्य प्रदेश से था, जहां 13 साल के एक लड़के ने एक ऑनलाइन गेम पर 40,000 रुपये खर्च कर दिए, फिर पेरेंट्स की डांट से बचने के लिए उसने सुसाइड ही कर लिया।
ये तो कुछ किस्से हैं, लेकिन आए दिन ऐप से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले खूब सुनने को मिल रहे हैं। जिसमें लोन देने वाले ऐप्स भी शामिल हैं।
कैसी-कैसी जासूसी
जब भी आप फोन में किसी भी टेक्स्ट को कॉपी या कट करते हैं, तो ये एप्लीकेशन उस डाटा को चुराने में सक्षम हैं, जैसे, ओटीपी, पासवर्ड, आधार नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, बैंक खाता नंबर, किसी का फोन नंबर आदि। कुछ ऐप्स ऐसे होते हैं, जो खुद तो आपकी इजाजत के बाद इंस्टॉल होते हैं, लेकिन उसके बाद दूसरे खतरनाक ऐप्स के लिए अपने आप इंस्टॉल होने का रास्ता खोल देते हैं।
एक मोबाइल ऐप तो आपके बैंक के टू फैक्टर ऑथेन्टिकेशन (ओटीपी आदि) को भी नाकाम कर देता है। यानी बैंक अकाउंट में लॉगिन या लेन-देन करते समय कोई सुरक्षा नहीं। ऐसा ही एक ऐप आपके फोन का नियंत्रण स्क्रीन शेयरिंग सिस्टम के जरिए कहीं दूर से कनेक्टेड इंसान को सौंप देता है। हालांकि तमाम चुनौतियों के बावजूद ऐप्स का सुरक्षित इस्तेमाल करना संभव है। जरूरत है तो सही जानकारी, सावधानी और सतर्कता की।
जैसे ही फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम का अपडेट आए. उसे तुरंत इंस्टॉल करें। नए फीचर्स के साथ-साथ ये ताजातरीन सुरक्षा चुनौतियों के समाधान मुहैया कराते हैं। एंड्रॉयड प्ले स्टोर व आईफोन ऐप स्टोर के अलावा किसी और ठिकाने से कोई भी ऐप डाउनलोड न करें इन दोनों के अलावा कुछ और भी वैकल्पिक ठिकाने हैं, जहां से
ऐप डाउनलोड किए जा सकते हैं, लेकिन ऐप को डाउनलोड करने वालों की संख्या, यूजर्स के फीडबैक और डेवलपर का नाम जरूर देखें।
कैसे रहें सुरक्षित
• मिलते-जुलते नाम वाले ऐप से बचें। ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग देखें।
• इंटरनेट पर सर्च करके देखें कि क्या वह ऐप सुरक्षित है। इन्स्टॉलेशन के दौरान ऐप को सिर्फ उतना ही करने की
इजाजत दें, जो सुरक्षित है और उस ऐप के इस्तेमाल के लिए जरूरी है। मतलब ऐप में गैर-जरूरी एक्सेस को डिसेबल कर दें।
• जेल ब्रेकिंग या रूटिंग जैसी हैकिंग तकनीकों का इस्तेमाल न करे। इसके साथ ही अपने सिस्टम में एंटीवायरस जरूर इंस्टॉल करे। अपनी जरूरी फाइलों और सामग्री का बैकअप लेते रहें।
'इंस्टा लोन' के नाम पर ठगी
हाल के वर्षों में इंस्टेंट लोन देने वाले कई ऐप एक्टिव हो गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में 1100 के करीब लोन ऐप हैं, जिनमें से कुछ फर्जी हैं। उधार मुहैया कराने वाले कुछ ऐप्स हैं, जो लोगों को कुछ हजार की लोन देकर उनसे लाखों रुपये वसूलते हैं। इसमें जालसाज पहले आपको पेमेंट ड्यू से संबंधित मैसेज भेजते हैं, जिसमें एक लिंक होता है।
जिज्ञासा में आकर जैसे ही आप लिंक पर क्लिक करते हैं, उसके माध्यम से आपके फोन में मौजूद सभी कॉन्टैक्ट और मीडिया फाइल को वो एक्सेस कर लेते हैं। फिर शुरू होता है ब्लैकमेल का खेल, जैसे कॉल करके तंग करना या आपकी फोटो को निकालकर उसे मॉफर्ड करके अश्लील बनाकर वायरल करने की धमकी देना। अगर आपने कोई लोन नहीं लिया है, तो ऐसे किसी मैसेज पर ध्यान न दें। अगर पढ़ भी लिया है, उसका न जवाब दें, न ही पूछताछ करें। क्योंकि, इससे उन्हें अंदाजा लग जाता है कि आपको ब्लैकमेल किया जा सकता है या नहीं।