रिटायर शिक्षकों को 'शिक्षक साथी' बनने को तीन चरणों में देनी होगी परीक्षा

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए लागू की गई शिक्षक साथी योजना में चयन के कड़े मानक रखे गए हैं। इस योजना के तहत सेवानिवृत्त शिक्षकों के 70 साल तक चयन की मंजूरी दी गई है। हिन्दी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन और अंग्रेजी में शिक्षक साथी बनने के लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों को तीन चरणों की परीक्षा पास करनी होगी। इन्हें प्रतिमाह 2500 रुपये मानदेय दिया जाएगा।


शासन ने शिक्षक साथी का चयन उन्हीं मानदंडों के आधार पर करने के निर्देश दिए हैं, जिनके आधार पर अकादमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) का चयन किया गया था। इसके अनुसार पहले 60 नंबर की विषयवार लिखित परीक्षा होगी। लिखित परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक पाने वाले आवेदकों को माइक्रो टीचिंग (शिक्षण प्रदर्शन) से गुजरना होगा, जिसके तहत 10 से 15 मिनट तक श्रोताओं को बांधे रखना, संतुलित दृष्टिकोण, सहज एवं तार्किक प्रवाह, एक अच्छे सम्प्रेक्षक के इनके गुणों को परखा जाएगा।

माइक्रो टीचिंग में 60 प्रतिशत या अधिक अंक पाने वाले सेवानिवृत्त शिक्षकों का 10 नंबर का साक्षात्कार भी होगा। साक्षात्कार में 60 फीसदी या अधिक नंबर पाने पर अंतिम रूप से चयन के लिए विचार किया जाएगा। अंतिम चयन के लिए लिखित परीक्षा, माइक्रो टीचिंग और साक्षात्कार में मिले अंकों को जोड़ते हुए मेरिट बनाई जाएगी।

खास-खास
● राष्ट्रपति या राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों को देंगे वरीयता
● स्व-इच्छा एवं स्व-प्रेरणा से सेवाभाव भी चयन की अर्हता
● एक साल का कार्यकाल, प्रदर्शन के आधार पर नवीनीकरण
● शिक्षक साथी हर महीने कम से कम 30 स्कूलों का प्रेरणा एप के माध्यम से पर्यवेक्षण करेंगे।

शिक्षक साथी चयन के लिए रिटायर शिक्षकों से 25 नवंबर तक आवेदन मांगे गए हैं। लिखित परीक्षा, माइक्रो टीचिंग और साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाएगा।
प्रवीण कुमार तिवारी,
बेसिक शिक्षा अधिकारी