बीच में पढ़ाई छोड़ने पर मिलेगा सर्टिफिकेट, यूजीसी ने नए स्नातक कोसों और उसके फ्रेमवर्क को दी मंजूरी


नए साल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इससे जुड़े एक अहम बदलाव को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सोमवार को मंजूरी दे दी। इसके तहत देश के सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में नए साल से चार वर्षीय स्नातक कोर्स शुरू होंगे।

ये नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप होंगे। इसमें छात्रों को पढ़ाई बीच में छोड़ने और फिर से उसे शुरू करने के मौके भी मिलेंगे। सात साल के भीतर उन्हें इस कोर्स को पूरा करना होगा। अन्यथा पिछली पढ़ाई की लाभ नहीं मिलेगा। इस नए कोर्स की खासियत यह होगी कि इसे एक साल में छोड़ने पर सर्टिफिकेट, दो साल में छोड़ने पर डिप्लोमा और तीन साल में छोड़ने में स्नातक की डिग्री मिलेगी। चार साल का कोर्स पूरा होने पर स्नातक (आनर्स) और स्नातक ( आनर्स के साथ रिसर्च) की डिग्री मिलेगी। आनर्स के साथ रिसर्च की डिग्री लेने के लिए छात्रों को कोर्स के दौरान ही शोध करना होगा।

यूजीसी ने इस चार वर्षीय स्नातक कोर्स से जुड़े फ्रेमवर्क को जारी करते हुए सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को इसकी तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। स्नातक स्तर पर ही 10 प्रतिशत सीटें भी बढ़ाने के लिए कहा है। मौजूदा स्नातक कोर्सी में कोई छात्र यदि किसी कारणवश बीच में अपनी पढ़ाई छोड़ देता है,तो उसे अभी कुछ नहीं मिलता है। नए कोर्स में उसकी पढ़ाई किसी भी स्तर पर बेकार नहीं जाएगी। इसके साथ ही नए कोर्स को कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिसमें स्नातक स्तर पर ही सभी छात्रों को अनिवार्य रूप से स्किल से जुड़ा प्रशिक्षण और इंटर्नशिप करना पड़ेगा। इसके अलावा सभी छात्रों को कोर्स के बीच में ही दक्षता बढ़ाने वाले कुछ विषय भी पढ़ना होगा। यह छह से आठ क्रेडिट अंक का होगा। इनमें देश को जानने, पर्यावरण शिक्षा, डिजिटल और तकनीक का इस्तेमाल और योग व फिटनेस से जुड़े विषय होंगे। इस कोर्स के बाद छात्रों को आगे की पढ़ाई के भी ढेरों विकल्प मिलेंगे। इसके बाद वे पोस्ट ग्रेजुएट और रिसर्च के क्षेत्र से जुड़े कोर्सों में सीधे दाखिला ले सकेंगे। हालांकि स्नातक (आनर्स के साथ रिसर्च) में सिर्फ उन्हीं छात्रों को दाखिला मिलेगा, जिनके शुरू के तीन वर्षों में न्यूनतम 75 अंक होंगे। यूजीसी ने यह भी साफ किया है कि मौजूदा समय में स्नातक कोर्सों की पढ़ाई कर रहे छात्रों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।



डिवीजन की जगह ग्रेड मिलेंगे

यूजीसी ने चार वर्षीय नए स्नातक कोर्स के मूल्यांकन पैटर्न में भी बदलाव किया है। छात्रों को अब डिवीजन ( फर्स्ट, सेकेंड, थर्ड) की जगह ग्रेड मिलेंगे। इसमें 10 से चार तक ग्रेड मिलेंगे। इनमें पास होने के लिए न्यूनतम चार ग्रेड होना जरूरी होगा। पांच से छह ग्रेड पर एवरेज, सात पर अच्छा, आठ पर बहुत अच्छा व नौ ग्रेड पर एक्सेलेंट और 10 ग्रेड पर आउटस्टैंडिंग होगा।



कई विषयों में पढ़ाई का विकल्प

छात्रों को दूसरे और तीसरे वर्ष से बहु विषयक पढ़ाई का भी विकल्प मिलेगा। बीएससी करने वाला छात्र अर्थशास्त्र भी पढ़ सकेगा। उसे एक निर्धारित क्रेडिट हासिल करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस बदलाव की सिफारिश की गई थी।