शिक्षामित्रों को बंधुआ मजदूर बनाकर आर्थिक व मानसिक रूप से शोषण कर रही सरकार - बोले जिला संयोजक/जिलाध्यक्ष


*शिक्षामित्रों को बंधुआ मजदूर बनाकर आर्थिक व मानसिक रूप से शोषण कर रही सरकार - रामचंद्र मौर्य ,जिला संयोजक/जिलाध्यक्ष*

*सरकार ने शिक्षामित्रों का जनवरी माह का आधा मानदेय काटकर व सेवा संविदा 60 वर्ष कर, दिया अपनी उदासीनता का परिचय*



*20 फरवरी 2023 को लखनऊ में हुए शिक्षामित्र सम्मेलन में सरकार का समर्थन कर अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है शिक्षामित्र, वर्तमान वजट में भी शिक्षामित्रों मिली निराशा*


*विषम परिस्थितियों में मदद पाने के लिए शिक्षामित्र केयर समिति का सदस्य बनें शिक्षामित्र*

*शिक्षकों की सभी योग्यता पूरी करने के बाद भी सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के किया जा रहा है सौतेला व्यवहार*

*अब चुप नहीं बैठेंगे शिक्षामित्र अपना हक अधिकार पाने के लिए करेंगे शिक्षामित्र*


अम्बेडकर नगर, शिक्षामित्र शिक्षक संघ अंबेडकर के जिलाध्यक्ष व शिक्षामित्र केयर समिति अम्बेडकर नगर के जिला संयोजक रामचंद्र मौर्य ने कहा कि शिक्षामित्रों द्वारा शिक्षक की सभी योग्यता पूरी करने के बाद भी सरकार द्वारा शिक्षामित्रों से बंधुआ मजदूरों की तरह काम लिया जा रहा है। तथा शिक्षामित्रों को बंधुआ मजदूर बनाकर सरकार द्वारा शिक्षामित्रों का आर्थिक व मानसिक रूप से शोषण किया जा रहा है। शिक्षामित्र शिक्षक की सभी योग्यता पूरी करते हैं शिक्षक पात्रता परीक्षा भी उत्तीर्ण कर चुके हैं।फिर भी सरकार द्वारा शिक्षामित्रों की नियमितीकरण न करके शिक्षामित्रों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। समायोजन निरस्त होने के बाद से लगभग 10000 दस हजार शिक्षामित्रों की अवसाद में आकर हार्ट अटैक, आर्थिक तंगी के कारण ,आत्म हत्या के चलते असामयिक मृत्यु के शिकार हो गए लेकिन शिक्षामित्रों की समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई है। सरकार द्वारा शिक्षामित्रों की समस्याओं का अभी तक कोई समाधान नहीं निकाला जा सका। वहीं सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के जनवरी माह में होने वाले शीतकालीन अवकाश का मानदेय काटकर व शिक्षामित्रों की सेवा संविदा वर्ष 60 वर्ष कर यह साबित कर दिया कि सरकार शिक्षामित्रों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है। शिक्षामित्रों द्वारा नियमितीकरण की मांग को लेकर लम्बे समय से संघर्ष किया जा रहा है महिला शिक्षामित्रों द्वारा पूर्व में नियमितीकरण की मांग को लेकर सुहागिन होते हुए भी अपना केश उतरवा दिया गया। पूर्व में सरकार द्वारा हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था लेकिन 5 वर्ष बीतने के बाद भी शिक्षामित्रों के लिए बनायी गई हाई पावर कमेटी का निर्णय नहीं आ सका। शिक्षामित्र अपने आप को 20 फरवरी 2023 को शिक्षामित्र महासम्मेलन के द्वारा सरकार का समर्थन कर अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहा है। सरकार द्वारा पारित वजट में भी शिक्षामित्रों के हाथ निराशा ही लगी। पूर्व में सरकार द्वारा शिक्षामित्रों के साथ किया गया वादा छलावा साबित हुआ, आर्थिक तंगी के चलते शिक्षामित्र घुट घुट कर मरने व आत्म हत्या करने के लिए मजबूर हो रहा है। सरकार की उदासीनता के चलते अभी तक शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है। वर्तमान में मूल विद्यालय वापसी, मानदेय वृद्धि, नियमितीकरण से सम्बन्धित शिक्षामित्रों की समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। लंबे समय से शिक्षामित्रों द्वारा समय-समय पर नियमितीकरण की मांग की जा रही है। जिला संयोजक, जिलाध्यक्ष राम चन्दर मौर्य ने कहा कि अब शिक्षामित्र चुप बैठने वाला नहीं है, अपने हक और अधिकार को पाने के लिए शिक्षामित्र संघर्ष करेंगे। जिला संयोजक, जिलाध्यक्ष राम चन्दर मौर्य ने विषम परिस्थितियों में मदद पाने के लिए शिक्षामित्रों से शीघ्र शिक्षामित्र केयर समिति का सदस्य बनने की अपील किया है।‌जिलाध्यक्ष,जिलासंयोजक राम चन्दर मौर्य ने कहा कि शिक्षामित्र केयर समिति शिक्षामित्रों के दुख की घड़ी की साथी है। शिक्षामित्र केयर समिति द्वारा मृतक शिक्षामित्रों के आश्रितों का आर्थिक सहयोग, पुत्रियों की शादी में आर्थिक मदद,नामिनी को पेंशन, बच्चों के बेसिक शिक्षा प्राप्त करने तक आर्थिक मदद की जिम्मेदारी उठाई जा रही है। कहीं पछताना न पड़े इसलिए विषम परिस्थितियों में मदद पाने के लिए शिक्षामित्र शीघ्र शिक्षामित्र केयर समिति का सदस्य बनें। #🆕 ताजा अपडेट #⚡ताजा अपडेट