शिक्षा के विदेशीकरण का विरोध


शिक्षा के विदेशीकरण का विरोध


गौहनिया में नौजवान सभा के सदस्यों ने शहादत दिवस पर रैली निकाली।करछना में याद किए गए अमर शहीद

करछना। अमर शहीद हमारी मातृभूमि के आन-बान और शान है,जिनपर पूरे राष्ट्र को गर्व है। आजादी आंदोलन के दीवानों ने अपनी मातृभूमि के सम्मान और स्वाभिमान के लिए प्राण तक न्यौछावर कर दिए। यह बातें गुरुवार को शहीद दिवस पर धरवारा स्थित जीएस एकेडमी में प्रबंधक विनय प्रताप सिंह ने कही। निदेशक अवध नारायण यादन ने भी गीतों के माध्यम से शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए।

गौहनिया। शहीदे आजम भगत सिंह राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस पर गुरुवार को गौहनिया बाजार में नौजवान भारत सभा के बैनर तले सभा व रैली निकालकर उन्हें याद किया गया। रैली के दौरान सभी के हाथों में शहीदों की तस्वीरें, स्लोगनयुक्त तख्ती व झण्डे बैनर थे।


इस मौके पर आयोजित सभा में वक्ताओं ने कहा कि सरकारी शिक्षा को बेहतर करने की जगह, नई शिक्षा नीति के तहत विदेशी कंपनियों को शिक्षा में धंधा करने के लिए बुलाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी व तकनीकी शिक्षा कंपनियों के हवाले की जा रही है और वे फीस में भारी वृद्धि कर रही हैं जो आम जनमानस के बस के बाहर है। वही दूसरी तरफ मोबाइल और आनलाइन शिक्षा का बढ़ावा दिया जा रहा है जो गरीब बच्चों के लिए बहुत मुश्किल होती है। अंत में बच्चों को डिग्री देकर कारपोरेट घराने में सस्ते मजदूर के तौर पर काम करने के लिए तैयार किया जा रहा है।रोजगार के नाम पर ग्राम अंचल में स्थानीय रोजगार विकसित करने की जगह खेती में घाटा बढ़ाया जा रहा है।