अब बुलाने पर भी परीक्षा देने नहीं आ रहे परिषदीय स्कूलों के बच्चे

मिर्जापुर। परिषदीय परीक्षाएं खानापूर्ति साबित हो रही हैं। स्कूल में दर्ज संख्या के आधे बच्चे भी पेपर देने नहीं पहुंच रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि खेती-किसानी के चलते अधिकांश अभिभावक बच्चों से खेतों में काम करा रहे हैं। इससे परीक्षा में भी छात्रों की उपस्थिति कम है।


बृहस्पतिवार सुबह 10:15 बजे प्राथमिक स्कूल बल्देवपुर में इंचार्ज प्रधानाधापक सचिन कुमार और शिक्षामित्र मनोज कुमार स्कूल कक्षा तीन, चार और पांच के छात्रों को एक साथ बैठाकर गणित की परीक्षा करा रहे थे। इंचार्ज प्रधानाधापक ने बताया कि स्कूल में 70 छात्र पंजीकृत हैं। परीक्षा देने कुल 30 छात्र ही आए हैं। प्रधानाध्यापक का कहना है कि वे सुबह आठ बजे स्कूल खोलने से पहले बच्चों को घर-घर जाकर परीक्षा देने के लिए बुलाने गए, फिर भी बच्चे नहीं आए हैं।

प्राथमिक स्कूल भरतपुर में पंजीकृत 75 में से 64 बच्चे उपस्थित थे। प्रधानाध्यापक सतीश कुमार बच्चों की निगरानी कर रहे थे। इसी कैंपस में चल रहे उच्च प्राथमिक स्कूल में 142 पंजीकृत में से महज 97 छात्र परीक्षा दे रहे थे। स्कूल में प्रधानाध्यापक वीरेंद्र सिंह राजपूत व अन्य शिक्षक ड्यूटी कर रहे थे। उच्च प्राथमिक स्कूल ढाई में इंचार्ज प्रधानाधापक ज्ञान सिंह ने बताया कि स्कूल में 166 छात्र पंजीकृत हैं। 81 छात्र ही परीक्षा में उपस्थित थे। प्रधान अध्यापक ने बताया कि बच्चों के अभिभावकों को परीक्षा दिलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।