विधेयक में धारा 21 नहीं जुड़ी तो प्रबंधतंत्र के कठपुतली बन जाएंगे शिक्षक



(वॉइस ऑफ प्रयागराज ) प्रयागराज संयुक्त युवा मोची केंद्रीय टीम सदस्य राजेश सचान ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टवीट कर शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक 2023 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 21 को शामिल करने की मांग की है। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि प्रबंधतंत्र द्वारा शिक्षकों के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई के लिए चयन बोर्ड का अनुमोदन आवश्यक है। इस मुद्दे पर शिक्षकों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि इससे प्रबंधतंत्र का अनावश्यक हस्तक्षेप व शिक्षकों का उत्पीड़न बढ़ेगा जिससे पठन पाठन प्रभावित होगा। 





इस मुद्दे पर शिक्षकों के आंदोलन के मद्देनजर नये शिक्षा आयोग के गठन में हो रही देरी पर संयुक्त युवा मोर्चा ने सरकार से मांग की कि शिक्षकों की सुरक्षा संबंधी पूर्व व्यवस्था के लिए विधेयक संशोधन में वक्त लग सकता है ऐसे में लंबित भतियों और प्रस्तावित विज्ञापन जारी करने में और देरी से बचने के लिए मौजूदा चयन संस्थाओं से ही लंबित भतियों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए और शिक्षक भर्ती का विज्ञापन व टीजीटी पीजीटी में सभी रिक्त पदों को शामिल किया जाए। 


बताया कि इन मुद्दों को 5 सितंबर पत्थर गिरजाघर से रोजगार के सवाल पर शुरू हो रहे प्रदेशव्यापी संवाद और संपर्क अभियान में पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा। युवा मंच अध्यक्ष अनिल 1 सिंह ने कहा कि प्रबंधतंत्र इतने प्रभावशाली है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर तदर्थ शिक्षकों के रिक्त हुए पदों का - अधियाचन भेजने से इंकार कर रहे है। ऐसे में धारा 21 के हटाने से शिक्षक प्रबंधतंत्र की कठपुतली बन जाएंगे।



कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 21 को हटा देने के विरुद्ध प्रदेश भर के शिक्षक आंदोलित है जिससे चयन प्रक्रिया का प्रभावित होना तय है। दरअसल सरकार का मकसद रोजगार देना है ही नहीं बल्कि चयन प्रक्रिया संबंधी अनावश्यक विवादों को पैदा कर युवाओं को इसमें उलझाए रखना है जिससे रोजगार के मुद्दे पर युवा एकजुट न हो सकें लेकिन अब इसमें सरकार कामयाब नहीं होगी और 5 सितंबर से प्रदेशव्यापी आंदोलन का आगाज होगा।