22 August 2023

एनपीएस में 30 साल से ज्यादा निवेश पर तगड़ी पेंशन मिलेगी


योजना का औसत रिटर्न


एनपीएस पर औसतन रिटर्न 9.37 से 9.6 फीसदी के बीच रहता है। सूत्रों के मुताबिक बहुत से सरकारी कर्मचारी जो बाहर चले गए हैं, उन्होंने सालाना पेंशन खरीदने के लिए केवल 40 फीसदी कॉर्पस का उपयोग किया है। इससे उनकी मासिक आमदनी घट गई। उनमें से कई ने खरीद मूल्य की वापसी के साथ सालाना पेंशन का विकल्प चुना है जो सबसे कम रिटर्न प्रदान करता है। इसमें प्रारंभिक राशि वापस कर दी जाती है। यह पुरानी पेंशन के उलट है। उसमें पति/पत्नी के लिए एक पेंशन और एक पारिवारिक पेंशन यानी 50 पूर्ण पेंशन होती है और इसलिए इसमें पूंजी वापसी शामिल नहीं होती है।

नई दिल्ली, हिन्दुस्तान ब्यूरो। अच्छे सेवानिवृत्ति लाभ के लिए एक व्यक्ति को 30 साल या उससे अधिक समय तक निवेशित रहना चाहिए। यह कहना है नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस से जुड़े जानकारों का। उनके मुताबिक

अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में न मिलना सरकारी कर्मचारियों के बीच चिंता की बात रहती है। हालांकि यह चिंता शुरुआती दिनों में योजना को छोड़ने वाले लोगों को होती है।

वित्त सचिव सोमनाथन की अध्यक्षता वाली समिति कर्मचारियों के साथ केंद्र और राज्यों के हित सुरक्षित करने के लिए एक फॉर्मूला पर काम कर रही है। एनपीएस ट्रस्ट वेबसाइट पर विश्लेषण से पता चलता है कि कैसे एक अंशधारक की अवधि और सालाना जमा की गई राशि, पूरी सेवा अवधि के लिए एक निश्चित योगदान के साथ भी अंतर पैदा कर सकती है। पेंशन गणना वेबसाइट (https//npstrustorg. in) पर मौजूद कैलकुलेटर से कर सकते हैं।

योजना से इतनी पेंशन मिलेगी (आंकड़े रुपए और प्रतिशत में ) (एनपीएस कैलकुलेटर के मुताबिक )

योजना में बने रहने की अवधि 18 साल के बाद 37 साल के बाद 18 साल के बाद 37 साल के बाद

जन्म तिथि (1 जनवरी 1981) (1 जनवरी 2000) (1 जनवरी 1981) (1 जनवरी 2000)


पुरानी पेंशन लागू करने से इनकार

अब तक, केंद्र ने ओपीएस को शुरू करने से इनकार किया है। पुरानी पेंशन में कर्मचारी योगदान की कोई व्यवस्था नहीं थी और सरकार ने अंतिम वेतन का 50 फीसदी पेंशन के रूप देने की व्यवस्था की। इसे साल में दो बार महंगाई के लिए समायोजित किया और हर 10 साल में वेतन आयोग की सिफारिशों में होने वाले फायदे के साथ जोड़ दिया। विवेकपूर्ण नीति निर्माता इसे एक गैर-वित्तपोषित पेंशन दायित्व कहते हैं।

कम पेंशन की कहां से उपजी चिंता

सूत्रों के मुताबिक हिमाचल प्रदेश समेत कई राज्यों के संविदा कर्मचारियों को उनकी सेवा के दौरान बहुत बाद में पूर्णकालिक सरकारी कर्मचारियों के रूप में शामिल किया गया था और योजना से बाहर निकलने के समय एनपीएस से पूर्ण संचय नहीं देखा गया था। एक अधिकारी के मुताबिक ऐसे कई लोग हैं जो बाद में स्कीम का हिस्सा बने हैं। ऐसे में उनमें से कुछ को अदालत के आदेशों के बाद पूरा फायदा नहीं मिल पाएगा। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन के तहत, इनमें से कुछ कर्मचारी पेंशन के पात्र भी नहीं होंगे।