लखनऊ। प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में एक अंक विवाद मामले में दाखिल अवमानना याचिका पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पहले दिए गए रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन कर इसका ब्योरा पेश करने को और समय दिया है।
इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बेसिक शिक्षा के प्रमुख सचिव दीपक कुमार व अन्य पक्षकारों से, रिट कोर्ट के 20 दिसंबर 2021 के फैसले के तहत प्रस्तावित कारवाई का ब्योरा मांगा था। जो सरकार की ओर से पेश नहीं किया गया। सरकारी वकील ने इसके लिए और समय देने का आग्रह किया। जिसे कोर्ट ने
मंजूर कर लिया। साथ ही सख्त रुख अपनाकर तकीद किया था कि तत्परता से पहले के आदेश के पालन का हलफ़नामा दाखिल न होने पर पक्षकार दो अफसरों- सचिव बेसिक शिक्षा प्रताप सिंह भगेल और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को कोर्ट में पेश होंगें। आदेश पालन हलफ़नामा सोमवार को दाखिल न होने पर यह दोनो अफसर कोर्ट में पेश हुए।
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की अवमानना याचिका पर दिया। याची का कहना था कि 20 दिसम्बर 2021 को शैक्षिक परिभाषा वाले प्रश्न पर रिट कोर्ट ने न्यायालय की शरण में आए अभ्यर्थियों को 1 अतिरिक्त अंक प्रदान करते हुए मेरिट के अनुसार नियुक्ति का आदेश दिया था। लेकिन, अभी तक रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। जबकि इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज होने के बाद रिट कोर्ट का निर्णय पुष्ट हो गया है। इससे करीब 1000 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है।