बेसिक शिक्षा विभाग ने रेलवे को नहीं माना सरकारी, शिक्षिका ने न्यायालय में लगायी गुहार

 

झाँसी : बेसिक शिक्षा विभाग रेलवे को सरकारी विभाग नहीं मानता है। इसीलिए अन्तर्जनपदीय स्थानान्तरण में शिक्षक- शिक्षिकाओं को उनके रेलवे में • कार्यरत पति व पत्नी को सरकारी कर्मचारी का मिलने वाले अंक का लाभ नहीं दिया गया। अब रेलवे कर्मचारी की पत्नी ने न्यायालय से गुहार लगाकर उसे अंक • दिलाकर स्थानान्तरण प्रक्रिया की काउन्सिलिंग में स्कूल आवण्टन में शामिल कराने को कहा है। इस पर न्यायालय ने काउन्सिलिंग के दौरान एक स्कूल को रिक्त रखने को कहा है।



दरअसल, दूसरे जनपदों से गृह जनपद स्थानान्तरण में शिक्षक-शिक्षिकाओं को भरांक दिए गए। इसमें शिक्षकों को दूसरे जनपद में नौकरी के कार्यकाल, नियुक्ति व अन्य कार्यों के आधार पर अंक दिए गए। साथ ही स्थानान्तरण प्रक्रिया में शिक्षक व शिक्षिकाओं को उनके पति व पत्नी के सम्बन्धित जनपद में सरकारी सेवा में नियमित रूप से कार्यरत होने पर 10 अंक अतिरिक्त भरांक दिए जाने का प्राविधान है। स्थानान्तरण प्रक्रिया | को लेकर 2 जून 2023 को जारी


शासनादेश में कहा गया कि भारत सरकार, भारतीय थल सेना भारतीय वायु सेना, भारतीय नौ सेना, केन्द्रीय अर्ध सैनिक बल उत्तर प्रदेश सरकार व उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन सरकारी सेवा करने वाले शिक्षक व शिक्षिका पति व पत्नी को भरांक दिया जाना है। इस शासनादेश के तहत झाँसी में सरकारी विभाग में नौकरी कर रहे पुरुष व महिला शिक्षिकाओं को अपने घर आने में वरीयता मिली है। इसी आधार पर मथुरा में कार्यरत शैफाली सिंह ने ऑनलाइन आवेदन किया। उसके पति संजीव कुमार झाँसी में रेलवे में सीनियर सेक्शन एंजिनियर के पद पर कार्यरत हैं। मथुरा में बीएसए कार्यालय में भरांक की गणना में रेलवे को सरकारी विभाग ही नहीं माना, जबकि रेलवे भारत सरकार का सबसे बड़ा उपक्रम है। इससे शिक्षिका को स्थानान्तरण प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया है। इस


शासन ने बीएसए को सीधे नहीं दिए निर्देश, बढ़ा असमजंस उच्च न्यायालय के आदेश पर शासन के विशेष सचिव ने सचिव बेसिक शिक्षा को काउन्सिलिंग में एक स्कूल को रिक्त रखने को कहा है, लेकिन इस आदेश में स्कूल की वरीयता तय नहीं की है। दूसरे आदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के पत्र को बीएसए झाँसी व मथुरा को प्रतिलिपि की है। झाँसी बीएसए को सीधे कोई आदेश नहीं दिए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद ने 13 सितम्बर से काउन्सिलिंग का कार्यक्रम तय कर दिया है, लेकिन इस आदेश में काउन्सिलिंग में कौन सा विद्यालय रिक्त रखने को कहा है, इसको लेकर कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। इससे असमजंस की स्थिति बन गई है।


पर शिक्षिका ने उच्च न्यायालय में गुहार लगायी। न्यायालय ने में बेसिक शिक्षा विभाग को शिक्षिका के लिए काउन्सिलिंग के समय एक स्कूल रिक्त रखने को कहा क है। इस सम्बन्ध में प्रदेश शासन के सचिव अवधेश कुमार तिवारी प ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को है स्कूल को रिक्त रखने को कहा क्ष है। इधर, बेसिक शिक्षा परिषद ने भी रेलवे में कार्यरत पति को रि लेकर शिक्षिका को भरांक पर सुनवाई के लिए प्रयागराज बुलाया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने रेलवे के साथ भेल व अन्य संस्थाओं को भी सरकारी विभाग नहीं माना है। उल्लेखनीय है कि बेसिक शिक्षा परिषद ने 2 माह पहले स्थानान्तरित शिक्षक-शिक्षिकाओं की विद्यालय आवण्टन के लिए 13 सितम्बर से प्रक्रिया प्रारम्भ होगी। दूसरे जनपदों से स्थानान्तरण पर आए 120 से अधिक शिक्षक- शिक्षिकाएं विद्यालय आवण्टन के लिए इन्तजार कर रहे हैं।