बोलीं प्रधानाध्यापिका, मेरे विद्यालय में किस हैसियत से आए


शामली : विद्यालयों में छात्र - छात्राओं को बेहतर शिक्षा मिल सके और नामांकन में बढ़ोतरी हो, इसलिए जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) कंपोजिट विद्यालय में निरीक्षण को गए थे। उन्होंने प्रधानाध्यापिका ने नामांकन के संबंध में जानकारी ली तो उन्होंने जानकारी देने से इंकार कर करते हुए कहा कि वह उनको नहीं जानती। अपने विभाग के अधिकारियों को ही जानकारी देंगी। इस पर डीपीओ ने बीएसए को पत्र भेजकर संबंधित प्रधानाध्यापिका के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा। बीएसए ने पूरे प्रकरण की जांच बीईओ (खंड शिक्षा अधिकारी) को दी है।


29 अगस्त को जिला कार्यक्रम अधिकारी बाबर खान कंपोजिट विद्यालय फतेहपुर का निरीक्षण करने के लिए गए थे। उन्होंने बीएसए को भेजे पत्र में बताया कि विद्यालय पहुंचने के बाद उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पर अभद्रता करने का आरोप लगाया। इसके बाद डीपीओ ने स्वयं प्रधानाध्यापिका से नामांकन के संबंध में बातचीत की। आरोप है कि प्रधानाध्यापिका प्रतिमा शर्मा ने अभद्रता की और कहा कि आप और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मुझसे पूछने वाले कौन हैं? मैं अपना काम भलीभांति कर रही हूं, आप यहां मेरे विद्यालय में किस हैसियत से आए हैं। मैं तुम्हारी नौकरी नहीं करती हूं, जो तुम्हें सवालों के जवाब दूंगी। मैं बस अपने विभागीय अधिकारियों को जानती हूं। डीपीओ ने बीएसए को लिखे पत्र में कहा कि प्रधानाध्यापिका की और से की गई अभद्रता और गलत भाषा के प्रयोग से उनकी मर्यादा को ठेस पहुंची है। बीएसए कोमल ने पूरे प्रकरण की जांच खंड शिक्षा अधिकारी शामली को सौंपी है। जांच के बाद विभागीय कार्रवाई की जा सकती है।