शिक्षक का अनोखा अंदाज : बच्चे नहीं आ रहे थे स्कूल, गुरूजी ने घर के बाहर ही लगा दी क्लास, फिर आगे.. देखिये यह दिलचस्प वीडियो


यूपी के झाँसी में एक शिक्षक का अनोखा वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में शिक्षक गांव में एक घर के बाहर बैठकर क्लास लेते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि गांव के दो बच्चे टीचर के कई बार कहने के बावजूद लगभग महीने भर से स्कूल नहीं आ रहे थे। इसपर गुरूजी स्कूल लेकर ही उनके घर पहुंच गए। फिर आगे जो कुछ हुआ, वो वाकई दिलचस्प है।

दो बच्चे नहीं आ रहे थे स्कूल सबसे पहले आपको बता दें कि यह पूरा मामला झांसी के लकारा स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। यहां सहायक अध्यापक के पद पर अमित वर्मा तैनात हैं। अमित बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी चिंतित और जागरूक रहते हैं। वहीं पिछले लगभग एक महीने से उनके स्कूल में दो बच्चे, मीना और गजराज स्कूल नहीं आ रहे थे। कई बार बुलाने पर भी स्कूल नहीं आए बच्चे चूंकि अमित को दोनों बच्चों की पढ़ाई की चिंता सता रही थी, इसलिए उन्होंने उसी गांव के कुछ बच्चों को कई बार मीना और गजराज के घर भेजा, लेकिन उनके घरवालों ने बच्चों को नहीं भेजा। बताया गया कि परिवार के कुछ लोग मजदूरी करने के लिए गए हैं और बच्चे भी उनके साथ पड़ोस के गांव चले गए। स्कूल लेकर बच्चों के घर ही पहुंच गए गुरूजी इसके बाद अगले दिन भी जब बच्चे स्कूल नहीं आए तो अमित खुद भी उनके घर गए, लेकिन उनको भी वही जवाब मिला। लेकिन जब बीते बुधवार को भी बच्चे नहीं दिखे तो उन्होंने सुबह 10 बजे के करीब कक्षा में मौजूद 33 बच्चों को अपने साथ लिया और मीना व गजराज के घर पहुंच गए। फ़ी अमित ने गजराज और मीना के घर के बाहर ही बैठकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया। जब बच्चों ने दिए सरे सवालों के जवाब उधर, यह नजारा देख वहां ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। धीर-धीरे जब सबको पूरा माजरा समझ आया तो कुछ ग्रामीणों ने दबी आवाज में उनका मजाक बनाने का भी प्रयास किया, लेकिन अमित वहां डटे रहे। इसी बीच गांव के कुछ लोग वहां आए और सड़क पर पढ़ रहे बच्चों से गणित और हिंदी के कई सवाल करने लगे। बच्चों ने एक-एक कर के उनके सारे सवालों के सही जवाब दे दिए, तो ग्रामीण बच्चों की सराहना करने लगे। गुरूजी की जिद के आगे हार गए माता-पिता वहीं बच्चों से सवाल करने वाले लोगों को जब बच्चों ने सही-सही जवाब दिए तो उन्ही में से कुछ लोग कहने लगे कि "बच्चों को स्कूल जरूर जाना चाहिए। पढ़-लिखकर बच्चों को अच्छी जिंदगी मिल सकती है।" बस फिर क्या था, कुछ ही देर बाद मीना और गजराज के माता-पिता शिक्षक के पास आए और उन्होंने कहा कि वह अब से अपने बच्चों को रोज स्कूल भेजेंगे। इसके बाद उन्होंने अपने-अपने बच्चों को बाकी बच्चों व शिक्षक के साथ स्कूल भेज दिया। वीडियो हो रहा वायरल शिक्षक अमित वर्मा ने बताया कि बच्चों का प्रतिदिन स्कूल न आना शिक्षा के स्तर पर प्रभाव डालता है। बहुत जरूरी है कि विद्यार्थी प्रतिदिन विद्यालय पहुंचें। ताकि निपुण लक्ष्य के मानक पार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि बच्चों के स्कूल न आने की समस्या लगभग हर परिषदीय स्कूल में है। उधर, शिक्षक अमित वर्मा की यह अनूठी पहल और वीडियो अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है।

वीडियो देखने के लिए नीचे दी हुई क्लिक पर क्लिक करें।

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https://youtu.be/Wzv4LeZjA1g?si=5UxwohFS-Wbbx9O0

दो बच्चे नहीं आ रहे थे स्कूल

सबसे पहले आपको बता दें कि यह पूरा मामला झांसी के लकारा स्थित प्राथमिक विद्यालय का है। यहां सहायक अध्यापक के पद पर अमित वर्मा तैनात हैं। अमित बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी चिंतित और जागरूक रहते हैं। वहीं पिछले लगभग एक महीने से उनके स्कूल में दो बच्चे, मीना और गजराज स्कूल नहीं आ रहे थे।

कई बार बुलाने पर भी स्कूल नहीं आए बच्चे

चूंकि अमित को दोनों बच्चों की पढ़ाई की चिंता सता रही थी, इसलिए उन्होंने उसी गांव के कुछ बच्चों को कई बार मीना और गजराज के घर भेजा, लेकिन उनके घरवालों ने बच्चों को नहीं भेजा। बताया गया कि परिवार के कुछ लोग मजदूरी करने के लिए गए हैं और बच्चे भी उनके साथ पड़ोस के गांव चले गए।

स्कूल लेकर बच्चों के घर ही पहुंच गए गुरूजी

इसके बाद अगले दिन भी जब बच्चे स्कूल नहीं आए तो अमित खुद भी उनके घर गए, लेकिन उनको भी वही जवाब मिला। लेकिन जब बीते बुधवार को भी बच्चे नहीं दिखे तो उन्होंने सुबह 10 बजे के करीब कक्षा में मौजूद 33 बच्चों को अपने साथ लिया और मीना व गजराज के घर पहुंच गए। फ़ी अमित ने गजराज और मीना के घर के बाहर ही बैठकर बच्चों को पढ़ाना शुरू कर दिया।

जब बच्चों ने दिए सरे सवालों के जवाब

उधर, यह नजारा देख वहां ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। धीर-धीरे जब सबको पूरा माजरा समझ आया तो कुछ ग्रामीणों ने दबी आवाज में उनका मजाक बनाने का भी प्रयास किया, लेकिन अमित वहां डटे रहे। इसी बीच गांव के कुछ लोग वहां आए और सड़क पर पढ़ रहे बच्चों से गणित और हिंदी के कई सवाल करने लगे। बच्चों ने एक-एक कर के उनके सारे सवालों के सही जवाब दे दिए, तो ग्रामीण बच्चों की सराहना करने लगे।

गुरूजी की जिद के आगे हार गए माता-पिता

वहीं बच्चों से सवाल करने वाले लोगों को जब बच्चों ने सही-सही जवाब दिए तो उन्ही में से कुछ लोग कहने लगे कि "बच्चों को स्कूल जरूर जाना चाहिए। पढ़-लिखकर बच्चों को अच्छी जिंदगी मिल सकती है।" बस फिर क्या था, कुछ ही देर बाद मीना और गजराज के माता-पिता शिक्षक के पास आए और उन्होंने कहा कि वह अब से अपने बच्चों को रोज स्कूल भेजेंगे। इसके बाद उन्होंने अपने-अपने बच्चों को बाकी बच्चों व शिक्षक के साथ स्कूल भेज दिया।

वीडियो हो रहा वायरल

शिक्षक अमित वर्मा ने बताया कि बच्चों का प्रतिदिन स्कूल न आना शिक्षा के स्तर पर प्रभाव डालता है। बहुत जरूरी है कि विद्यार्थी प्रतिदिन विद्यालय पहुंचें। ताकि निपुण लक्ष्य के मानक पार किए जा सकें। उन्होंने कहा कि बच्चों के स्कूल न आने की समस्या लगभग हर परिषदीय स्कूल में है। उधर, शिक्षक अमित वर्मा की यह अनूठी पहल और वीडियो अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है।