इंटरनेट और सिम खर्च के बाद अब आईडी पर लड़ाई


उपस्थिति को लेकर संशय बरकरार है। ऑनलाइन उपस्थिति लगाने के निर्देश के बाद शिक्षकों ने बुधवार को इंटरनेट और सिम की मांग की थी। जिस पर विभाग ने कंपोजिट ग्रांट से इंटरनेट और सिम पर होने वाले खर्च की अनुमति दे दी। लेकिन, शिक्षक किस आईडी पर सिम खरीदेंगे, इसको लेकर संशय है। ट्रांसफर पर सिम विद्यालय में ही छूट जाने को लेकर शिक्षकों ने अपनी आईडी से सिम खरीदने से साफ इनकार कर दिया। है। ऐसे में 20 नवंबर से लगने वाली ऑनलाइन हाजिरी पर एक बार फिर पेंच फंसता नजर आ रहा है।






शिक्षकों ने बुधवार स्मार्ट फोन से ऑनलाइन हाजिरी लगाने को लेकर निदेशालय के आदेश पर विरोध दर्ज कराया था। शिक्षकों की मांग थी कि उन्हें इंटरनेट और सिम पर होने वाला खर्च कहाँ से होगा? इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। साथ ही शिक्षकों ने प्रशिक्षण न दिए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए थे। इसके बाद राज्य परियोजना निदेशालय के निदेशक विजय किरण आनंद ने गुरुवार कंपोजिट ग्रांट से सिम कार्ड और इंटरनेट पर होने वाले खर्च के लिए 1500 रुपये की मंजूरी दे दी। उन्होंने शिक्षकों को कंपोजिट ग्रांट का आने के बाद नवंबर महीने से मार्च 2024 तक का पूरा खर्च देने के निर्देश जारी कर दिए। लेकिन, शिक्षकों ने अब सिम कार्ड खरीदने के लिए लगने वाली आईडी को लेकर पेंच फंसा दिया है।