अधिकारियों ने अटकाया 70 हजार शिक्षकों का एरियर, अध्यापकों को अनावश्यक दफ्तर न बुलाने के निर्देश

 

बरेली,  । बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन कार्यरत शिक्षकों के एरियर भुगतान में अधिकारी जबर्दस्त हीलाहवाली कर रहे हैं। पूरे प्रदेश में अलग-अलग कारणों से 70 हजार शिक्षकों को एरियर नहीं मिला है। इनमें 34100 आवेदन रिजेक्ट तो 11017 वापस किये जा चुके हैं। इसे लेकर शासन ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है। 15 दिन के अंदर उनके संबंध में रिपोर्ट तलब की गई है।



शिक्षकों के एरियर भुगतान के लिए एरियर मॉड्यूल विकसित किया गया है। सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि प्रथम एरियर भुगतान में प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्धांत का अनुपालन किया जाए। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव और वित्त नियंत्रक के संयुक्त निर्देश के बाद भी भुगतान की स्थिति बेहतर नहीं है। बीते दिनों हुई समीक्षा रिपोर्ट में पाया गया कि कल 95630 आवेदनों में खंड शिक्षा अधिकारी के स्तर पर 6554 आवेदन लंबित है जबकि 9911 आवेदन लेखाधिकारी को फॉरवर्ड हो चुके हैं। 8432 आवेदन अप्रूव्ड हो गए हैं मगर उनका अभी तक भुगतान नहीं हुआ है। सिर्फ 25616 का ही भुगतान हुआ है। 11017 आवेदन जहां वापस किए जा चुके हैं, वहीं 34100 को रिजेक्ट भी किया जा चुका है। समीक्षा बैठक में यह पाया गया कि वित्त एवं लेखा अधिकारी स्तर पर अनुमोदन के बाद भी भुगतान के लिए 18334 और खंड शिक्षा अधिकारी स्तर पर अग्रसारण के लिए 6554 एरियर भुगतान लंबित है।


शिक्षकों से लिया जाएगा फीडबैक: बेसिक शिक्षा सचिव ने लंबित एरियर भुगतान संबंधी प्रार्थना पत्रों की समीक्षा करने का निर्देश दिया है। पोर्टल में निर्धारित समय सारणी के बाद लंबित या भुगतान किए गए एरियर प्रकरणों के संबंध में संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करने का भी निर्देश दिया गया है।


एरियर का यह है हाल

टोटल : 95630

बीईओ में पेंडिंग : 6554

एओ को फारवर्ड : 9911

एप्रूव्ड पर भुगतान नहीं : 8432

भुगतान : 25616

वापस : 11017

निरस्त : 34100


● 5 दिन के अंदर शिक्षकों संबंध में रिपोर्ट तलब की गई है

अध्यापकों को अनावश्यक दफ्तर न बुलाने के निर्देश

एरियर भुगतान को लेकर अक्सर लेन-देन के आरोप भी लगते रहते हैं। कई बार शिक्षक संघ भी ऐसे मामले उठा चुके हैं। ऐसे में सचिव ने एरियर भुगतान के संबंध में शिक्षकों-कर्मचारियों को अनावश्यक कार्यालय में न बुलाने का निर्देश दिया है। प्रति 15 दिन में विचलन रिपोर्ट का विश्लेषण कर निर्देशों के अनुसार कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी निर्धारित करते हुए रिपोर्ट तलब की है।