स्वास्थ्य बीमा के नियमों में अहम बदलाव, कैशलेस दावों का निपटान तीन घंटे में करना पड़ेगा



नई दिल्ली, एजेंसी। बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने स्वास्थ्य बीमा के नियमों में अहम बदलाव किया है। बुधवार को जारी अपने नए प्रमुख सर्कुलर में नियामक ने कहा है कि इंश्योरेंस कंपनियों को कैशलेस मामले में बीमा क्लेम अब तीन घंटे के भीतर निपटाना होगा।



इरडा ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अस्पताल से छुट्टी का अनुरोध प्राप्त होने पर बीमा कंपनियों को तुरंत कार्रवाई करनी होगी और तीन घंटे के भीतर बीमा दावा निपटाना होगा। इरडा ने यह भी हिदायत दी है कि कि अगर तीन घंटे से अधिक का वक्त लगता है और अस्पताल मरीज से अतिरिक्त शुल्क वसूलता है तो अतिरिक्त रकम बीमा कंपनी को चुकानी होगी।


मरीजों को होती है दिक्कत : वर्तमान में, अस्पताल में भर्ती होने के बाद इलाज का खर्च स्वास्थ्य बीमा से कवर तो हो जाता है लेकिन दावा निपटान की लंबी प्रक्रिया से मरीज और उनके परिजन परेशान हो जाते हैं। इलाज खत्म होने के बाद डॉक्टर की ओर से घर जाने की इजाजत तो मिल जाती है, लेकिन दावा निपटान में लगने वाला समय इतना लंबा हो जाता है कि मरीज को कई घंटों तक अस्पताल में ही इंतजार करना पड़ जाता है। परिजन टीपीए डेस्क के चक्कर लगाते रह जाते हैं तो मरीज घर लौटने का इंतजार करता रह जाता है।


ऑनलाइन तरीके से मिले पूर्व स्वीकृति


बीमा नियामक ने कहा कि अगर इलाज के दौरान पॉलिसीधारक की मौत हो जाती है तो बीमा कंपनी दावा निपटान अनुरोध पर तुरंत कार्रवाई करेगी। कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वो तय समय के भीतर 100 फीसदी कैशलेस दावा निपटान करें। साथ ही डिजिटल तरीके से पॉलिसीधारकों के लिए पूर्व स्वीकृति वाली प्रक्रिया को लागू किया जाए।