आउट आफ स्कूल बच्चों को लेकर चलेगा अभियान, यह है नियम

 

आउट ऑफ स्कूल बच्चो को चिह्नीकरण, पंजीकरण व नामांकन के लिए शारदा यानी स्कूल हर दिन आएं कार्यक्रम संचालित हैं। जिले में ईंट भट्ठों, कारखानों, होटलों, ढाबा, असेवित य मलिन बस्तियों, जन-जातीय व घुमंतू समुदायों व मौसमी पलायन से प्रभावित परिवारों के सर्वेक्षण को लेकर अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान छह से 14 आयु वर्ग के आउट आफ स्कूल बच्चों को तलाशा जाएगा। पहले चरण का अभियान 17 जून से 16 जुलाई तक व दूसरे चरण का अभियान एक अगस्त से 31 अगस्त तक चलेगा। जिले के 530 परिषदीय विद्यालयों में पिछले वर्ष 4380 आउट आफ स्कूल बच्चों को दाखिला दिलाया गया था।




यह है नियम-

निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत यह प्रविधान है कि छह से 14 आयु वर्ग के ऐसे बच्चे जो आउट आफ स्कूल हैं, उनका चिह्नीकरण करते हुए आयु संगत कक्षा में नामांकन कराने, विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने की व्यवस्था करने की व्यवस्था की जाए।


दो श्रेणी में चयन होंगे आउट आफ स्कूल बच्चे


आउट आफ स्कूल बच्चे दो श्रेणी के हो सकते हैं। पहला ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में कभी भी नामांकन नहीं हुआ हो, दूसरा ऐसे बच्चे जिनका विद्यालय में पूर्व में नामांकन हुआ था, किंतु किन्हीं कारणवश अपनी शिक्षा पूरी किए विना विद्यालय छोड़ गए यानी ड्राप आउट हो गए।


आउट आफ स्कूल का यह करेंगे सर्वेक्षण


बच्चों को चिह्नित करने, आयु संगत कक्षा में नामांकन के लिए प्रधानाध्यापक, अध्यापक, शिक्षामित्र, अनुदेशक, बीटीसी प्रशिक्षु, स्वयंसेवी संस्थाएं व अन्य विभागों के कर्मी घर-घर जाएंगे। परिवार का सर्वेक्षण करेंगे। प्रथम चरण के परिवार सर्वेक्षण प्रपत्रों का विवरण 31 जुलाई तक व दूसरे चरण के प्रपत्रों का विवरण 30 अगस्त तक प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।


आउट आफ स्कूल बच्चों का चिह्नकन व पंजीयन डीबीटी एप स्कूल के माध्यम से प्रेरणा पोर्टल पर किया जाता है। हमारा लक्ष्य जिले के 6 से 14 वर्ष के आयु तक के सभी बच्चो को स्कूल पहुंचकर बेहतर शिक्षा दिलाना है।


- आकांक्षा रावत, बीएसए बागपत