एमबीबीएस दाखिले के नाम पर करोड़ों की वसूली में दो गिरफ्तार


एमबीबीएस की पढ़ाई के लिये दाखिला दिलाने और बी-फार्मा, डी-फार्मा की डिग्री देने के नाम पर करोड़ों रुपये वसूलने वाले गिरोह के दो सदस्यों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है।


इस गिरोह से फर्जी प्रमाण पत्र व डिग्री लेकर कई लोगों ने मेडिकल स्टोर खोल रखे हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में इनसे बनवायी गई फर्जी एमबीबीएस, होम्योपैथिक व आयुर्वेदिक कोर्स की डिग्री लेकर झोलाछाप क्लीनिक चला रहे हैं। दोनों जालसाजों ने ऐसे कई खुलासे किए जिसके बाद एसटीएफ की टीमें पड़ताल में जुट गई हैं। गिरोह के मुख्य सदस्य बरेली के हरिशंकर समेत कई की तलाश की जा रही है।

एसटीएफ के डिप्टी एसपी अवनीश्वर श्रीवास्तव के मुताबिक जालसाजों में देवरिया के वार्ड नम्बर चार निवासी सचिन मणि त्रिपाठी और गुड़म्बा, कुर्सी रोड निवासी शिवानंद वर्मा हैं। इनके पास 138 फर्जी मार्कशीट, प्रमाण पत्र, कई अन्य कार्ड, फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद हुए हैं। इन लोगों को लेखराज मार्केट के पास स्थित फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के कार्यालय के सामने से पकड़ा गया है। सचिन मणि दो साल पहले फर्जी काल सेन्टर चलाने के आरोप में भी पकड़ा गया था।


100 फर्जी डिग्रियां दे चुके

शिवानंद ने बताया कि वह लोग 100 से ज्यादा फर्जी डिग्रियां देकर वसूली कर चुके हैं। एमबीबीएस और बी फार्मा की डिग्री के लिये वह लोग पांच से सात लाख रुपये वसूल चुके हैं। ग्रामीण इलाकों में डॉक्टर की फर्जी डिग्री देने के लिये 50 हजार से एक लाख रुपये तक वसूले हैं।