आठ साल में नहीं निपटा अनुदेशक भर्ती विवाद



प्रयागराज, 


बेसिक शिक्षा परिषद के 45 हजार से अधिक उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट स्कूलों में शारीरिक शिक्षा विषय के 32022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती के विवाद का निपटारा आठ साल बाद भी नहीं हो सका है। सवा तीन साल तक लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2022 में यह प्रकरण हाईकोर्ट में वापस भेज दिया था। जहां पिछले डेढ़ साल से एक बार फिर मामला विचाराधीन है। इतना समय बीतने के बाद इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले डेढ़ लाख से अधिक अभ्यर्थी निराश हैं।





खेलकूद के 32022 अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। इन्हें 11 महीने के लिए सात हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय पर नियुक्ति मिलनी थी। इसके लिए 1,53,739 बीपीएड, डीपीएड और सीपीएड डिग्रीधारियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता






बदली तो 23 मार्च 2017 को सरकार ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। इसके खिलाफ अभ्यर्थियों ने याचिका की जिस पर हाईकोर्ट ने तीन नवंबर 2017 को दो महीने में भर्ती पूरी करने का आदेश दिया था। हालांकि इसके खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में स्पेशल अपील दायर कर दी। हाईकोर्ट ने 12 अप्रैल 2018 को सरकार की स्पेशल अपील खारिज करते हुए फिर से दो महीने में नियुक्ति का आदेश दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी। सर्वोच्च न्यायालय में पांच अगस्त 2019 को पहली बार इस मामले की सुनवाई हुई थी। दस नवंबर 2022 जारी




सर्वोच्च न्यायालय ने अनुदेशक भर्ती निरस्त करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को छूट दे दी कि वे हाईकोर्ट में याचिका कर सकते हैं। उसके बाद अभ्यर्थियों ने नवंबर 2022 में फिर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसका निपटारा अब तक नहीं हो सका है। बीपीएड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष धीरेन्द्र यादव का कहना है कि आरटीई में शारीरिक शिक्षा अनिवार्य है और उसके लिए प्रत्येक उच्च प्राथमिक स्कूल में शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए हमारी लड़ाई रहेगी।