हाईकोर्ट में 6 मई 2025 को होगी पुरानी पेंशन के लिए सुनवाई: 28 मार्च 2005 से पूर्व नियुक्त शिक्षामित्रों को उम्मीद
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के उन शिक्षामित्रों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है, जो 28 मार्च 2005 से पहले नियुक्त हुए थे और वर्तमान में बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। पुरानी पेंशन योजना (OPS) के लाभ के लिए उनकी याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में आगामी 6 मई 2025 को सुनवाई होगी।
ये शिक्षामित्र, जो बाद में टीईटी और सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा पास करके नियमित सहायक अध्यापक बने, अपनी शिक्षामित्र के रूप में की गई सेवा को जोड़कर पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि उनकी प्रारंभिक नियुक्ति 28 मार्च 2005 से पहले के विज्ञापन के आधार पर हुई थी, इसलिए उन्हें भी पुरानी पेंशन का हकदार माना जाए।
हाल ही में, हाईकोर्ट ने 19 नवंबर 2024 को बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को निर्देश दिया था कि शिक्षामित्रों की सेवा अवधि को जोड़ने संबंधी प्रत्यावेदन पर तीन महीने में निर्णय लिया जाए। इस मामले में शिक्षामित्रों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के विभिन्न आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को, जो बाद में स्थायी हो गए, उनकी पूर्व सेवा को जोड़कर पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा, "हमने सरकार के हर निर्देश का पालन किया। शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनने तक हमने सभी प्रक्रियाओं को पूरा किया। अब हमारी मांग है कि हमारी पूर्व सेवा को जोड़ा जाए और हमें पुरानी पेंशन का लाभ मिले।"
यह सुनवाई उन हजारों शिक्षामित्रों के लिए उम्मीद की किरण है, जो लंबे समय से पुरानी पेंशन की मांग कर रहे हैं। यदि हाईकोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आता है, तो यह न केवल शिक्षामित्रों बल्कि अन्य समान परिस्थितियों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए भी एक मिसाल कायम कर सकता है।
अगली सुनवाई में कोर्ट के रुख पर सभी की निगाहें टिकी हैं। शिक्षामित्रों ने यह भी कहा है कि यदि उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिला, तो वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।