27 May 2025

शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष देयकों के निस्तारण के सम्बन्ध में।

 प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष देयकों के निस्तारण के सम्बन्ध में।

शासनादेश संख्या-129/15-08-2020-3009(3)/2015 दिनांक 20 फरवरी, 2020 पूर्व में निर्गत शासनादेशों को अतिक्रमित करते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के अवशेष देयकों का नियमानुसार

भुगतान निदेशालय स्तर से किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी। उक्त शासनादेश में जिन अवशेष देयकों का उल्लेख किया गया है, वह निम्नवत् हैः-

1. वेतन वृद्धि अवशेष ।

2. प्रोन्नति वेतनमान अवशेष ।

3. चयन वेतनमान अवशेष।

4. समयमान वेतनमान अवशेष ।

5. पदोन्नति अवशेष ।

6. ग्रेड वेतन का अवशेष।

7. मातृत्व अवकाश का अवशेष।

8. चिकित्सा अवकाश का अवशेष।

9. डी०ए० अवशेष ।

10. निलम्बन अवधि का वेतन अथवा निलंबन के पश्चात सवेतन बहाली के फलस्वरूप बने वेतन का अवशेष।

11. प्रथम नियुक्ति के पश्चात शैक्षिक प्रमाण-पत्रों के सत्यापन में विलम्ब होने के फलस्वरूप अवशेष वेतन का अवशेष।

12. विधायी समिति से आच्छादित प्रकरण।

13. मा०न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के प्रकरण।

(उपरोक्त क्रमांक 12 व 13 में उल्लिखित अवशेषों का भुगतान शासन की पूर्वानुमति से किए जाने की व्यवस्था की गयी)

पुनः शासनादेश संख्या-1425/15-8-2021-3009(3)/2015 दिनांक 25.11.2021 (यथासंशोधित) द्वारा उपरोक्त क्रमांक 12 व 13 में उल्लिखित अवशेषों अर्थात विधायी समिति एवं मा०न्यायालय के आदेश से आच्छादित प्रकरणों का निस्तारण शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किए जाने की व्यवस्था की गयी।

इसी क्रम में प्रकरणों के निस्तारण के सरलीकरण हेतु निदेशालय के आज्ञा संख्या-डी0ई0/5149-5342/2023-24 दिनांक 13 दिसम्बर, 2023 द्वारा रूपये दो लाख की सीमा तक जिला विद्यालय निरीक्षक की अध्यक्षता में गठित समिति एवं रूपये दो लाख से चार तक की सीमा के अवशेष का निस्तारण मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से किए जाने की व्यवस्था स्थापित की गयी।

इस प्रकार रूपये चार लाख की सीमा से अधिक एवं प्रथम वेतन निर्धारण अवशेष (किसी भी सीमा) के प्रकरण का निस्तारण निदेशालय स्तर से किए जाने की व्यवस्था है। प्रायः यह देखा जाता
है कि जनपदीय अधिकारियों द्वारा अवशेष की देयता का बिना परीक्षण किए प्रकरण निदेशालय को सन्दर्भित कर दिया जाता है, साथ ही अवशेष के निस्तारण हेतु आवश्यक अभिलेख भी संलग्न नहीं किए जाते, जिस कारण प्रकरणों में आपत्तियों लगती है और प्रकरणों के निस्तारण में अनावश्यक रूप से विलम्ब होता है तथा सम्बन्धित शिक्षक / कर्मचारी द्वारा विभिन्न स्तर पर शिकायत/वाद योजित किए जाते हैं।

अतः इस सम्बन्ध में निर्देशित किया जाता है कि जिन प्रकरणों का निस्तारण जनपद / मण्डल स्तर से किये जाने की व्यवस्था है, उन प्रकरणों का अनावश्यक रूप से निदेशालय को सन्दर्भित न किया जाये। साथ ही जिन अवशेष प्रकरणों का निस्तारण निदेशालय से किया जाना है, उन प्रकरणों को निदेशालय सन्दर्भित किए जाने से पूर्व निम्नांकित निर्देशानुसार पूर्ण परीक्षणोपरान्त ही आवश्यक अभिलेखों सहित निदेशालय को सन्दर्भित किया जाय, अन्यथा प्रकरण में हुए विलम्ब का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व सम्बन्धित जिला विद्यालय निरीक्षक / वित्त एवं लेखाधिकारी का माना जायेगाः-

1. सभी प्रकार के अवशेष प्रकरणों के सम्बन्ध में मूल अवशेष देयक (बिल), प्रपत्र-क, संक्षिप्त इतिहास, जिसमें संस्था प्रधानाचार्य, संस्था प्रबन्धक, वित्त एवं लेखाधिकारी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक के मूल हस्ताक्षर अंकित हों, अवश्य प्रेषित किए जाये।

2. अवशेष देयक के सम्बन्ध सक्षम स्तर का प्रशासनिक आदेश की प्रमाणित प्रति प्रेषित की जाये।

3. जिला विद्यालय निरीक्षक और वित्त एवं लेखाधिकारी से प्रमाणित पूर्ण / पठनीय सेवा पंजिका की प्रति उपलब्ध करायी जाये।

4. चयन वेतनमान /प्रोन्नत वेतनमान / ए०सी०पी०/ पदोन्नति आदि से सम्बन्धित अवशेष प्रकरणों के साथ सक्षम अधिकारी का स्वीकृत आदेश एवं वेतन निर्धारण प्रपत्र की प्रमाणित प्रति अवश्य संलग्न की जाये।

5. अवकाश से सम्बन्धित अवशेष प्रकरणों में अवकाश आवेदन-पत्र, सक्षम स्तर से अवकाश स्वीकृति आदेश, चिकित्सा अवकाश के सम्बन्ध में चिकित्सा / स्वस्थता प्रमाण-पत्र की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये।

6. निलम्बन/बहाली से सम्बन्धित प्रकरणों में निलम्बन आदेश, बहाली आदेश, जि०वि०नि० का अनुमोदन आदेश, जॉच की स्थिति में जॉच आख्या एवं जॉच आख्या पर सक्षम स्तर से लिए गये निर्णय की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये।

7. प्रथम नियुक्ति अवशेष के सम्बन्ध में नियुक्ति-पत्र, कार्यभार ग्रहण आख्या, अनुमोदन आदेश, शैक्षिक प्रमाण-पत्र एवं सत्यापन आख्या की प्रमाणित प्रति उपलब्ध करायी जाये।

8. मा० न्यायालय से आच्छादित प्रकरणों में मा०न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सक्षम स्तर से निर्गत प्रशासनिक आदेश की प्रमाणित प्रति।

9. प्रथम नियुक्ति एवं मा०न्यायालय से आच्छादित अवशेष प्रकरणों में शासनादेश 18-04-2019 में शासन द्वारा निर्धारित 07 बिन्दुओं पर बिन्दुवार आख्या एवं संगत अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियों अवश्य संलग्न की जायें।

अतः उपरोक्त का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये।