31 May 2025

बीएड व डीएलएड कॉलेजों का अब फर्जीवाड़ा सामने आया

 

बीएड, डीएलएड व बीपीएड कोर्स चला रहे डिग्री कॉलेज किस तरह हजारों विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं यह राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की जांच में सामने आया है। स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने पर मानक विहीन कॉलेजों ने सरेंडर कर दिया। उनके कारनामों की कलई खुल गई। एनसीटीई के निर्देश पर 1066 कॉलेजों पर ताला लगाया जाएगा। वर्ष 2025-26 से ही दाखिले पर रोक लगा दी गई है।



ऑनलाइन परफार्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट न भरने पर शिकंजा कसा गया। पीएआर मांगी तो कॉलेज आनाकानी करने लगे। कॉलेजों ने एनसीटीई की नोटिसों का जवाब देना बंद कर दिया। ऑनलाइन रिपोर्ट में जीपीएस से लाइव लोकेशन, वीडियो व शिक्षकों इत्यादि की जानकारी भरनी थी। यही कारण है कि बीएड, डीएलएड व बीपीएड कोर्स चला रहे कॉलेजों ने हाथ खड़े कर दिए। पीएआर मॉड्यूल में मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं की जवाबदेही तय की गई। एनसीटीई के मानकों के पालन को लेकर सख्ती की गई तो धंधेबाजी सामने आ गई। यूपी के 1066 में से 50 डिग्री कॉलेजों के पते ही फर्जी निकले, 212 कॉलेजों ने पीएआर रिपोर्ट न जमा करने का जवाब नहीं दिया। 804 कॉलेजों ने 15 दिनों के नोटिस के जवाब की समयसीमा के बाद भी स्पष्टीकरण नहीं दिया। उप्र शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. मौलीन्दु मिश्रा कहते हैं कि यही कारण है कि डिग्री लेकर शिक्षक बन रहे युवा बच्चों का भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।

बिना भवन व किराए की बिल्डिंग में चले कॉलेज

प्रदेश के जिन 50 डिग्री कॉलेजों का पता सही नहीं निकला, उसमें कई कागजों पर थे। कई किराए की बिल्डिंग में थे। एक जमीन पर अलग दरवाजे की फोटो करा दो कॉलेज मान्यता लेकर कागज पर थे। सिर्फ डिग्री बांटी जा रही थी। रविवार को बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा में 3.33 लाख विद्यार्थी शामिल होंगे।


1.06 लाख सीटें घटेंगी 60 दिन में करें अपील

प्रदेश में 1066 कॉलेजों पर ताले से 1.06 लाख सीटें कम होंगी। अभी 4.80 लाख सीटें हैं अब सीटें 3.74 लाख रह जाएंगी। स्वावित्तपोषित डिग्री कॉलेज एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी कहते हैं कि किसी कॉलेज को लगता है कि मानक पूरे हैं और ज्यादती हो रही है तो 60 दिनों में एनसीटीई में अपील करे