शेयरों में फर्जीवाड़ा रोकेगी नई यूपीआई आईडी
निवेशक जागरुकता अभियान चलेगा
सेबी चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने
कहा, सेबी दो वर्षों तक निवेशक शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करेगा ताकि साइबर सुरक्षा और साइबर धोखाधड़ी के बारे में जागरूक किया जा सके। सेबी के पास इसके लिए बजट, साधन और इरादा है। इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा।
ऐसे होगा बचाव
● निवेशक अब भी एनईएफटी और आईएमपीएस विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। यूपीआई से भुगतान में सिर्फ सत्यापित यूपीआई आईडी का ही इस्तेमाल करना होगा।
● ‘सेबी चेक’ नामक सुविधा शुरू होगी, इससे निवेशक शेयर ब्रोकर, म्यूचुअ फंड कंपनी, फंड मैनेजर की यूपीआई आईडी जांच सकेंगे।
नई दिल्ली, हिन्दुस्तान ब्यूरो। शेयर ब्रोकर, म्यूचुअल फंड कंपनियों, पोर्टफोलियो मैनेजर जैसे बाजार मध्यस्थों को अब सत्यापित यूपीआई हैंडल का ही इस्तेमाल करना होगा। यह नई व्यवस्था एक अक्बूतर 2025 से लागू होगी।
बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को इस संबंध में सर्कुलर जारी किया। सेबी के अनुसार, देशभर में लगभग 8,000 पंजीकृत बाजार मध्यस्थ हैं। इन सभी को अब निवेशकों से भुगतान प्राप्त करने के लिए सिर्फ सत्यापित और मानकीकृत यूपीआई आईडी का इस्तेमाल करना होगा। ये आईडी ऐसे बैंक हैंडल से जारी होंगी, जो राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त हों। उदाहरण के लिए यह ब्रोकर के लिए abc.brk और सत्यापित बैंक द्वारा जारी हैंडल (जैसे @validhdfc) पर आधारित होगी। इसके साथ हरा त्रिकोण और ‘थम्ब्स-अप’ आइकन दिखेगा, जो इसकी वैधता की पुष्टि करेगा।
पुरानी आईडी का क्या होगा : सेबी ने स्पष्ट किया है कि सभी प्रभावित शेयर ब्रोकरों और अन्य मध्यस्थों को आठ दिसंबर 2025 तक का समय दिया जाएगा। इसके बाद पुराने यूपीआई आईडी मान्य नहीं रहेंगे। सेबी सदस्य अनंत नारायण ने कहा कि यह निवेशकों की जिम्मेदारी होगी कि वे भुगतान करने से पहले ब्रोकर के यूपीआई हैंडल को ‘सेबी चेक’ के माध्यम से सत्यापित करें।