। यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 के लिए व्यक्तिगत (प्राइवेट) परीक्षार्थियों के पंजीकरण नियमों में बदलाव किया है। इस साल प्रत्येक पंजीकरण (अग्रसारण) केंद्र पर हाईस्कूल के 500 और इंटरमीडिएट के 700 कुल अधिकतम 1200 छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। शासन के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्त की ओर से 29 जुलाई को जारी नीति के अनुसार अपरिहार्य स्थितियों में जिला विद्यालय निरीक्षक की संस्तुति पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अनुमति लेकर हाईस्कूल के अधिकतम 650 और इंटर के 850 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण हो सकेगा।
पिछले साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के क्रमश: 400 और 600 कुल अधिकतम 1000 परीक्षार्थियों के पंजीकरण का नियम था और अपरिहार्य स्थितियों में यूपी बोर्ड से अनुमति लेने के बाद 10वीं में अधिकतम 600 और इंटर में 800 की सीमा तक छात्र-छात्राओं के पंजीकरण का नियम था। इस साल बोर्ड की बजाए जेडी के स्तर से ही अनुमति के बाद पंजीकरण की संख्या बढ़ाई जा सकती है। इसके अलावा डीआईओएस कार्यालय को अग्रसारण अधिकारी (प्रधानाचार्य) से मिले व्यक्तिगत आवेदन पत्रों को क्षेत्रीय कार्यालय में जमा कराकर उसकी सूची छह साल तक सुरक्षित रखी जाएगी।
क्षेत्रीय कार्यालयों को भी निर्देश दिए गए हैं कि आवेदन पत्रों की सूची छह साल सुरक्षित रखी जाए। पिछले साल डीआईओएस और क्षेत्रीय कार्यालय स्तर पर तीन साल तक ही आवेदन पत्रों को सुरक्षित रखने का नियम था।