पुवायां (शाहजहांपुर)। पुवायां के
एसडीएम बनाए गए आईएएस अधिकारी रिंकू सिंह राही ज्वाइन करने के 36 घंटे बाद ही हटा दिए गए। पहले ही दिन वकीलों के बीच उठक-बैठक लगाकर वह सुर्खियों में आ गए थे। उनको राजस्व परिषद से संबद्ध किया गया है।
रिंकू सिंह राही ने 28 जुलाई की रात 11 बजे पुवायां में एसडीएम का पदभार ग्रहण किया था। 29 जुलाई को ड्यूटी पर आए तो वकील आज्ञाराम शर्मा के मुंशी को दीवार के पास लघुशंका करते देख उठक-बैठक लगवाई थी। तहसील के दफ्तरों का निरीक्षण करने के बाद वह धरना दे रहे वकीलों के पास पहुंचे तो वकीलों ने कहा कि परिसर में बने शौचालय बेहद गंदे हैं, ऐसे में वकील और मुंशी मजबूरन खुले में करते हैं।
इस पर एसडीएम ने कहा था कि तहसील के बड़े अधिकारी होने के नाते वह जिम्मेदारी लेते हैं। इसके बाद वकीलों के सामने कान पकड़कर पांच बार उठक-बैठक लगाई। वीडियो वायरल होने पर मामला चर्चा में आ गया। शासन ने मामले की रिपोर्ट मांगी। इसके बाद रिंकू सिंह को राजस्व परिषद लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है।
तबादले की पुष्टि करते हुए कहा कि तहसील में सफाई की जिम्मेदारी एसडीएम की नहीं होती। उनका जॉइनिंग के बाद पहला दिन था। गलती न होने के बाद भी ऐसा करके समाज को एक संदेश देने का प्रयास किया था। तबादला एक प्रक्रिया है, सरकार जहां भेजेगी, वहां काम करेंगे। गौरतलब है कि रिंकू सिंह को घोटाला उजागर करने पर सात गोलियां मारी गईं थीं।
जॉइनिंग के पहले ही दिन पकड़ ली थीं दो गड़बड़ियां
राजस्व परिषद से संबद्ध किए गए आईएएस अधिकारी रिंकू सिंह राही ने बताया कि जो खेल हुआ है, वह सिर्फ सफाई और गंदगी से संबंधित नहीं है। यह सिस्टम की सफाई से जुड़ा मामला भी है। उन्होंने एसडीएम बनने के पहले ही दिन दो गड़बड़ियां पकड़ ली थीं। उनको अटैच करना सजा के तौर पर भी देखा जा सकता है, लेकिन उनकी मंशा को लोग ठीक से समझ नहीं पाए। उन्होंने फोन पर बताया कि ड्यूटी के पहले ही दिन मत्स्य पालन के लिए तालाबों की नीलामी और राजकीय गोसदन सिमरा वीरान की भूमि नीलामी की फाइलें उनके पास आई थीं। 30 जून को नीलामी होनी थी। दोनों में गड़बड़ी यह थी कि गांव में बिना मुनादी कराए नीलामी की जानी थी। इससे चहेते लोगों के पक्ष में नीलामी की जा सकती है। उन्होंने इसे निरस्त कर दिया।
वकीलों ने उठक-बैठक के लिए नहीं कहा
कोई मुंशी दीवार के पास लघुशंका कर रहा था, जिसे एसडीएम ने उठक-बैठक लगवाई थी। बाद में वह वकीलों के पास आए और खुद ही उठक-बैठक लगाने लगे। किसी वकील ने एसडीएम से कुछ नहीं कहा था। उन्होंने ने उन्हें रोकने की भी कोशिश की लेकिन वह नहीं माने। सुभाष शुक्ला अध्यक्ष, तहसील बार एसोसिएशन पुवायां।
एसडीएम जब वकीलों से वार्ता करने आए थे तो अधिवक्ताओं ने मुंशी से उठक बैठक लगवाने की उनसे शिकायत थी। किसी वकील ने उनसे कुछ नहीं कहा, बल्कि वकीलों ने उन्हें रोकने का काफी प्रयास किया था। अजय पांडे, पूर्व महामंत्री, बार एसोसिएशन तहसील पुवायां