नई दिल्ली,। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला देते हुए कहा है कि देशभर में सभी कोचिंग संस्थानों को अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 60 दिन के भीतर सभी निजी कोचिंग सेंटरों के लिए छात्र सुरक्षा मानदंड और शिकायत निवारण तंत्र बनाने वाले नियम-कानून अधिसूचित करने का आदेश दिया है।
जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ ने स्कूलों, कॉलेजों और कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों में तेजी से बढ़ते आत्महत्या की प्रवृति और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए विस्तृत 15 दिशा-निर्देश जारी करते हुए यह फैसला दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर आया। उच्च न्यायालय ने विशाखापत्तनम में मेडिकल पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रही छात्रा की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग को खारिज कर दिया था।
छात्रों के स्वास्थ्य पर भी रखनी होगी नजर
● सभी शैक्षणिक संस्थान नियमित रूप से छात्र मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
● शैक्षणिक संस्थान गुमनाम रिकॉर्ड रखेंगे और एक वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेंगे
● परीक्षा के अंकों और रैंक से परे पहचान की व्यापक भावना विकसित करने को पाठ्यक्रमों की समीक्षा करनी होगी।
● सभी शैक्षणिक संस्थान, जिनमें कोचिंग केंद्र और प्रशिक्षण संस्थान शामिल हैं, छात्रों और उनके माता-पिता या अभिभावकों के लिए नियमित, करियर परामर्श सेवाए प्रदान करेंगे।
● सभी आवासीय-आधारित शैक्षणिक संस्थान, जिनमें छात्रावास मालिक, वार्डन और देखभालकर्ता शामिल हैं, यह सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय कदम उठाएंगे कि परिसर उत्पीड़न से मुक्त रहें।
● जयपुर, कोटा, सीकर, चेन्नई, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई और अन्य शहर शामिल हैं, वहां पर उच्च मानसिक स्वास्थ्य सुरक्षा और निवारक उपायों को लागू करना होगा।