केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के लिए कई नई और महत्वपूर्ण छुट्टी सुविधाओं की घोषणा की है, जो उनके व्यक्तिगत और सामाजिक दायित्वों को पूरा करने में मदद करेंगी। हाल ही में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में इसकी जानकारी दी। इन सुविधाओं में बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए 30 दिनों की छुट्टी और अंगदान के लिए 42 दिनों की विशेष छुट्टी शामिल है।
बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए 30 दिन की छुट्टी
राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में जितेंद्र सिंह ने बताया कि सेंट्रल सिविल सर्विसेज (लीव) रूल्स, 1972 के तहत केंद्रीय कर्मचारी अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल या किसी अन्य व्यक्तिगत कारण से 30 दिन का अर्जित अवकाश (Earned Leave) ले सकते हैं। इसके अलावा, कर्मचारियों को 20 दिन का अर्ध-वेतन अवकाश (Half Pay Leave), 8 दिन का कैजुअल लीव और हर साल दो दिन की प्रतिबंधित छुट्टी (Restricted Holiday) भी मिलती है। ये छुट्टियां पहले से निर्धारित छुट्टियों के अलावा हैं, जिनके लिए कर्मचारी योग्य हैं। यह कदम कर्मचारियों के पारिवारिक दायित्वों को संतुलित करने में मदद करेगा।
पदों की स्वीकृति और रिक्तियां
सदन में एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार में पदों का खाली होना और भरा जाना एक सतत प्रक्रिया है, जो विभिन्न विभागों की जरूरतों पर निर्भर करती है। 1 मार्च, 2021 तक केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों में स्वीकृत पदों की कुल संख्या 40,35,203 थी। रेलवे, रक्षा, गृह मंत्रालय और डाक विभाग जैसे बड़े विभागों में रिक्तियों और स्वीकृत पदों का आंकड़ा भी इस प्रक्रिया का हिस्सा है।
अंगदान के लिए 42 दिन की विशेष छुट्टी
अंगदान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 3 अप्रैल को लोकसभा में जितेंद्र सिंह ने बताया कि 2023 में कार्मिक मंत्रालय के आदेश के तहत सरकारी कर्मचारियों को अंगदान के लिए 42 दिन की स्पेशल कैजुअल लीव दी जा सकती है। यह छुट्टी सर्जरी के प्रकार पर निर्भर नहीं करती और अधिकतम 42 दिन तक ली जा सकती है। यह अवकाश आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने के दिन से शुरू होगा, लेकिन जरूरत पड़ने पर सर्जरी से एक सप्ताह पहले भी लिया जा सकता है। यह सुविधा सरकारी डॉक्टर की सिफारिश पर उपलब्ध होगी, जिससे अंगदान को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
ये नई सुविधाएं सरकारी कर्मचारियों के जीवन को आसान बनाने और उनके सामाजिक दायित्वों को निभाने में सहायक होंगी। चाहे वह बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल हो या अंगदान जैसे नेक कार्य, सरकार इन कदमों से कर्मचारियों के कल्याण और समाज सेवा को प्राथमिकता दे रही है।