26 July 2025

मिसाल पेश कर रहा कंपोजिट उप्रावि

 सिकंदरपुर। एक तरफ जहां पूरे प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में छात्रों की घटती संख्या और शैक्षणिक गुणवत्ता को लेकर सरकार चिंतित है, वहीं दूसरी तरफ शिक्षा क्षेत्र नवानगर के

कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय सिकंदरपुर ने पूरे प्रदेश में एक मिसाल पेश की है। विद्यालय में 1115 छात्र छात्राएं नामांकित हैं, जो सरकारी स्कूलों की सामान्य स्थिति के विपरीत एक नया कीर्तिमान है।


विद्यालय के प्रधानाध्यापक अभिलाष चंद्र मिश्रा के अनुसार विद्यालय में पढ़ाई का स्तर लगातार बेहतर हो रहा है। बताया कि विद्यालय में हर दिन औसतन 90 प्रतिशत से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थिति दर्ज कराते हैं, जो एक सरकारी विद्यालय


है। के लिए आश्चर्यजनक और सराहनीय है। इसके पीछे विद्यालय की समर्पित शिक्षक टीम है। इस विद्यालय में कुल 41 शिक्षक कार्यरत हैं, जिसमें आठ महिला और 33 पुरुष अध्यापक साथ ही मध्यान्ह भोजन योजना को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए आठ रसोइयां कार्यरत हैं। यह विद्यालय केवल छात्र संख्या में ही नहीं, बल्कि सुविधाओं की दृष्टि से भी अग्रणी है। यहां 22 कक्षा-कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, एशोसो लैब, एलजीबी वर्कशाप और लाइब्रेरी की सुविधा है। इतना ही नहीं, छात्रों के शारीरिक विकास के लिए विद्यालय में बड़ा खेल मैदान भी मौजूद है।

खराब पड़ा एक आरओ प्लांट


सिकंदरपुर। विद्यालय में दो आरओ प्लांट लगाए गए थे। इसमें एक पूर्व विधायक संजय यादव तथा दूसरा ब्लाक प्रमुख केशव चौधरी के सहयोग से आरओ प्लांट लगा है। हालांकि, इनमें से एक आरओ प्लांट लंबे समय से खराब पड़ा है, जिससे बच्चों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने में बाधा आती है। प्रधानाध्यापक ने इसकी मरम्मत या प्रतिस्थापन की मांग की है।

उम्मीद की किरण बनकर उभरा यह विद्यालय


सिकंदरपुर। प्रदेश सरकार इस समय ऐसे विद्यालयों की पहचान कर रही है, जहां नामांकन 50 से कम है। इन स्कूलों को नजदीक के बड़े विद्यालयों से पेयरिंग कर बंद करने की योजना पर कार्य कर रही है। ऐसे में शिक्षा क्षेत्र नवानगर का यह विद्यालय सरकारी शिक्षा प्रणाली में उम्मीद की किरण बनकर उभरा है। यह साबित करता है कि अगर नेतृत्व ईमानदार हो, शिक्षक सक्रिय हो और समुदाय जागरूक हो तो सरकारी स्कूल किसी भी प्राइवेट स्कूल से पीछे नहीं रहते।

संसाधनों की कमी बन रही बाधा


सिकंदरपुर। प्रधानाध्यापक अभिलाष चन्द मिश्रा ने सरकार से अपील किया है कि इस उत्कृष्ट प्रदर्शन को देखते हुए विद्यालय में और अधिक फर्नीचर, नए कक्षों का निर्माण और स्मार्ट क्लास रूम जैसी सुविधाओं की व्यवस्था कराई जाए। कहा कि हमारे बच्चे मेहनती हैं। अध्यापक समर्पित हैं, लेकिन संसाधनों की कमी विकास की राह में बाधा बन रही है। यदि हमें सरकार का और सहयोग मिले तो हम इस विद्यालय को मॉडल स्कूल बना सकते हैं।


सरकार और मंत्रियों से मिला सम्मान


सिकंदरपुर। विद्यालय की प्रगति और अनुकरणीय कार्यों के लिए 27 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विद्यालय को निपुण विद्यालय घोषित करते हुए प्रधानाध्यापक अभिलाष चंद्र मिश्रा को सम्मानित किया था। इसके अतिरिक्त गंगा बहुउद्देश्यीय सभागार बलिया में आयोजित एक समारोह में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह एवं परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह द्वारा भी विद्यालय को सर्वाधिक नामांकन के लिए प्रशस्ति पत्र और सम्मान प्रदान किया गया।