। राज्य सरकार ने प्रदेश की 26,215 दिव्यांग छात्राओं के लिए ₹200 रुपये प्रतिमाह की दर से अधिकतम 10 माह तक वृत्तिका प्रदान करने के लिए ₹5.24 करोड़ स्वीकृत किए हैं। यह राशि समग्र शिक्षा अभियान के माध्यम से मंजूर की गई है। दिव्यायांग छात्राओं को वित्तीय सहायता के एक प्रस्ताव को केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बीते 9 अप्रैल की बैठक में अनुमोदित हुआ था, जिसके क्रम में योगी सरकार ने इसका त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनेक अवसरों पर स्पष्ट किया है कि प्रत्येक बालिका को शिक्षा का अधिकार है और प्रत्येक दिव्यांग छात्रा को गरिमा के साथ आगे बढ़ने का अवसर देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।
यह है पात्रता और प्रक्रिया: परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में कक्षा एक से 8 तक अध्ययनरत वह छात्राएं पात्र होंगी, जिनके पास किसी सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी न्यूनतम 40% दिव्यांगता प्रमाण-पत्र होगा। इन छात्राओं को अधिकतम 10 माह तक ₹200 प्रतिमाह की दर से वृत्तिका दी जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया प्रेरणा, समर्थ एवं पीएफएमएस पोर्टलों के माध्यम से पूर्णतः डिजिटल, पारदर्शी और सत्यापित तकनीकी प्रणाली के तहत संचालित होगी।
जिले स्तर पर गठित समिति, निगरानी व्यवस्था मजबूत
हर जिले में पात्रता की जांच और सत्यापन के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें वित्तीय और शैक्षिक अधिकारी सम्मिलित होंगे। यह समिति लाभार्थियों की अंतिम सूची को तैयार कर, डिजिटल सत्यापन के उपरांत पीएफएमएस (सार्वजनिक वित्तीय प्रबन्ध प्रणाली) पोर्टल पर अपलोड करेगी।
‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण है। यह वृत्तिका उन दिव्यांग बेटियों के लिए एक मजबूत सहारा बनेगी, जिनके सपने उनके शारीरिक हालात से कहीं बड़े हैं। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि शिक्षा में समान अवसर, गरिमा और संवेदनशील शासन व्यवस्था का परिचायक है।
- संदीप सिंह, राज्यमंत्री, बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश