29 July 2025

एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के आधार पर होगा, गलत जवाब देने पर एक तिहाई अंक कटेंगे

प्रयागराज। एलटी ग्रेड शिक्षकों का चयन प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के आधार पर होगा। प्रारंभिक परीक्षा में दो घंटे के प्रश्नपत्र में 150 सवाल (सामान्य अध्ययन के 30 तथा प्रत्येक वैकल्पिक (मुख्य) विषय के 120 प्रश्न) पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न दो अंक के होंगे। सामाजिक विज्ञान पद के लिए मुख्य विषय में चार खंड होंगे जिसमें भूगोल, इतिहास, अर्थशास्त्र और नागरिक शास्त्र विषय सम्मिलित होंगे एवं प्रत्येक खंड में 60 प्रश्न होंगे। अभ्यर्थियों को इन चार खंडों में से किन्हीं दो खंडों का चयन करके उत्तर देना होगा। प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही मुख्य परीक्षा में सम्मिलित होंगे। मुख्य परीक्षा में 200 अंकों के 20 प्रश्न होंगे। खंड अ में लघुउत्तरीय प्रकार के दस प्रश्न होंगे जिनका उत्तर 125 शब्दों में देना होगा। खंड ब में दस प्रश्न दीर्घउत्तरीय प्रकार के होंगे जिनका जवाब 200 शब्दों में देना होगा। लघुउत्तरीय प्रश्न आठ और दीर्घउत्तरीय प्रश्न 12 अंकों के होंगे।

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गलत जवाब देने पर एक तिहाई अंक कटेंगे

प्रारम्भिक परीक्षा के वस्तुनिष्ठ प्रकार प्रश्नपत्र में गलत उत्तर देने पर एक तिहाई (0.33 प्रतिशत) अंक काटे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न के चार वैकल्पिक उत्तरों में से यदि कोई अभ्यर्थी एक से अधिक उत्तर देता है तो उसे भी गलत उत्तर माना जाएगा। भले ही दिए गए दो उत्तरों में से एक सही होता है फिर भी एक तिहाई अंक काटे जाएंगे।


एससी/एसटी के लिए 35% अंक जरूरी


अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम दक्षता मानक 35% निर्धारित है। यानि इन श्रेणियों के अभ्यर्थी यदि (प्रारम्भिक / मुख्य) परीक्षा में 35% से कम अंक प्राप्त करते हैं तो वे श्रेष्ठता / चयन सूची में सम्मिलित नहीं किए जायेंगे। इसी प्रकार, अन्य श्रेणियों के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम दक्षता मानक 40% निर्धारित है। मानक से कम अंक पाने वाले सभी अभ्यर्थी अयोग्य माने जाएंगे।


● आरक्षित श्रेणियों के अभ्यर्थियों को अंतिम चयन में अनारक्षित श्रेणी के पदों पर तभी समायोजित किया जाएगा जब उनके द्वारा परीक्षा के किसी स्तर पर योग्यता मानक में कोई लाभ / रियायत न लिया गया हो।

● यदि किसी अभ्यर्थी का कोई प्रमाण पत्र फर्जी अथवा कूटरचित पाया जाता है तो उसे लोक सेवा आयोग के सभी चयनों से हमेशा के लिए प्रतिवारित (डिबार) कर दिया जाएगा तथा उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

● जिन अभ्यर्थियों के अभ्यर्थन निरस्त कर दिए जाते है वे अभ्यर्थी नहीं रह जाते हैं। इसलिए ऐसे अभ्यर्थियों को उनके प्राप्तांक नहीं दिये जाएंगे।