08 July 2025

स्कूलों के विलय पर तर्क नियमों के तहत ही निर्णय

 लखनऊ, । स्कूलों का विलय करने के विरुद्ध दाखिल याचिकाओं में याचिकाकर्ता की ओर से यह भी दलील दी गई थी कि यदि एक किलोमीटर के दायरे में एक भी बच्चा है तो स्कूल स्थापित करना होगा। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार ने नियमों के तहत ही निर्णय लिया है जिसमें कोई खामी नहीं हैै।



न्यायालय ने शिक्षा का अधिकार कानून और इसके तहत बने नियमों की व्याख्या करते हुए कहा कि राज्य सरकार का दायित्व है कि वह आवासीय क्षेत्र के निकटतम संभव स्थान पर विद्यालय स्थापित करे और यदि विद्यालय नहीं स्थापित हो सकता बच्चों को परिवहन सुविधाएं प्रदान करे, इसके साथ ही बच्चों आसपास के विद्यालयों की पहचान करना भी जरूरी है, चाहे वे सरकारी हों या निजी। न्यायालय ने आगे कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी का यह दायित्व है कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी बच्चा शिक्षा से बाहर न हो और आवश्यकता पड़ने पर कानून के अनुसार सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।


राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विपरीत नहीं हैं प्रावधान

न्यायालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमे विद्यालयों की पेयरिंग जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई है। कोर्ट ने पाया कि विलय सम्बंधी शासनादेश उक्त उद्देश्य की पुष्टि करता है।