08 July 2025

यूपी के 10 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

 मानसून की ट्रफ लाइन यानी मुख्य धारा मूल स्थिति से खिसकी हुई है। नतीजतन अधिकतर जिलों में बादलों की आवाजाही तो रही लेकिन बारिश हुई नहीं, हुई तो छिटपुट रही। वहीं, स्थानिक परिस्थितियों के चलते बने समीकरण से अलीगढ़ और मुरादाबाद में बारिश ने कहर बरपा दिया। मुरादाबाद में 124 और अलीगढ़ में 117 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।




मुरादाबाद में दिन का तापमान बारिश से 2.6 डिग्री नीचे आ गया जो 31.8 रहा। अलीगढ़ में सामान्य से 2.6 डिग्री कम 33 दर्ज किया गया। इन जिलों के अलावा उरई में 8.8 और शाहजहांपुर में 2.8 मिलीमीटर बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी जिलों में मानसून की पूर्वी शाखा के पंजाब वाले छोर की मजबूती की वजह से बारिश हुई। इस शाखा का बीच का हिस्सा मध्य प्रदेश की ओर से गुजर रहा है, इसलिए उस ओर ज्यादा बारिश हो रही है। मानसून की सक्रियता होने से बादलों का डेरा कहीं-कहीं ज्यादा बारिश करा दे रहा है।


कई जिलों में बढ़ा तापमान, 38 डिग्री तक पहुंचा

बीते 24 घंटों के दौरान बस्ती, फतेहगढ़ में 38 और कानपुर आईएएफ में 38.4 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। लखनऊ में अधिकतम तापमान 37.4, बलिया में 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बारिश न होने की वजह से धूप अपना असर दिखा रही है।


मुरादाबाद में तेज बारिश से रेल संचालन थमा, 33 ट्रेनें प्रभावित

मुरादाबाद में रविवार रात से सोमवार सुबह तक हुई बारिश ने मंडल में रेल यातायात को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। गाजियाबाद, रोजा और सहारनपुर रेल खंडों में कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक पानी में डूब गए। मुरादाबाद यार्ड में भी यही स्थिति रही, जहां ट्रैक पर करीब तीन घंटे तक पानी भरा रहा। नतीजतन प्वाइंट और सिग्नल फेल हो गए, जिससे रेल संचालन पूरी तरह बाधित हो गया। रेलवे को देर रात तक सिग्नल व्यवस्था बहाल करने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। रेल प्रशासन के अनुसार रविवार रात 10 बजे से लेकर सोमवार तड़के 2 बजे तक यातायात बाधित रहा। आधी रात के बाद जाकर कुछ ट्रेनों की आवाजाही बहाल हो सकी, लेकिन इसका सोमवार सुबह फिर हुई बारिश का असर भी कई ट्रेनों पर पड़ा।


मंडल की लगभग 33 ट्रेनें प्रभावित हुईं। बरेली से दिल्ली जाने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस, भुज जा रही आला हजरत, दानापुर एक्सप्रेस और जनसेवा एक्सप्रेस करीब दो-दो घंटे लेट रहीं। वहीं सत्याग्रह और शहीद एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनें तीन घंटे से अधिक देरी से चल सकीं। गाजियाबाद खंड में 12, रोजा में 9 और सहारनपुर रूट पर 5 ट्रेनों पर बारिश का सीधा असर पड़ा। यार्ड और ट्रैक से पानी हटने के बाद ही धीरे-धीरे संचालन सामान्य हो पाया। हालांकि कई स्थानों पर प्वाइंट मशीनें और सिग्नल सिस्टम पूरी तरह रीसेट करने पड़े। सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया, रात की तेज बारिश के कारण रेल लाइनों पर पानी भर गया, जिससे सिग्नल और प्वाइंट फेल हो गए। इस वजह से रात 10 बजे से लेकर तड़के 2 बजे तक संचालन बाधित रहा। अब स्थिति सामान्य कर ली गई है।


गोरखपुर में चटख धूप निकली, बढ़ी गर्मी

गोरखपुर-बस्ती मंडल में सोमवार को चटख धूप निकली। लोग गर्मी और उमस से परेशान रहे। पूर्वी यूपी में मानसून की सक्रियता धीमी होने से बीते 48 घंटे से बारिश नहीं हुई है। इसके कारण दिन और रात के तापमान में इजाफा हो गया है। गोरखपुर में सोमवार को दिन का अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस और रात का न्यूनतम तापमान 27.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोनों ही सामान्य से करीब 2 डिग्री सेल्सियस ज्यादा है।


प्रयागराज में दिन-रात का तापमान बढ़ा

सोमवार को प्रयागराज में बारिश रुक गई। बादलों के हटते ही तेज धूप निकली। गर्मी और उमस बढ़ गई। कुछ जगह शाम को बूंदाबांदी हुई। सोमवार को अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि रविवार को अधिकतम तापमान 35.4 डिग्री सेल्सियस था। वहीं न्यूनतम तापमान रविवार को 28 डिग्री सेल्सियस रहा और शनिवार को 25.8 डिग्री सेल्सियस था।


इन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

बहराइच, लखीमपुर खीरी, आगरा, फिरोजाबाद, इटावा, शाहजहांपुर, जालौन, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास के इलाकों में।


गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिरने का खतरा

बांदा, चित्रकूट, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, उन्नाव, लखनऊ, बाराबंकी, रायबरेली, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुर, गौतम बुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हाथरस, कासगंज, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, बिजनौर, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झांसी, ललितपुर एवं आसपास के इलाकों में।


रेन गेज से मापा जाता है, कितनी हुई बारिश

जिलों में स्थित मौसम विभाग के केन्द्रों और तहसीलों में रेन गेज लगे हुए हैं। इसमें एक कीप होती है। बारिश का पानी इससे होता हुआ एक नली में इकट्ठा होता है। इसमें पैमाना बना रहता है जिससे मिलीमीटर में वर्षा दर्ज की जाती है। सुबह 8:30 से शाम 5:00 बजे इसमें दर्ज हुई वर्षा मापी जाती है। इसके अलावा अब एडब्ल्यूएस यानी ऑटोमैटिक वैदर स्टेशनों पर भी वर्षा का माप हो रहा है। इनमें टिपिंग बकेट रेन गेज या बकेट रेन गेज जैसे उपकरण वर्षा को दर्ज कर सिग्नल भेजते हैं।