25 August 2025

बहुचर्चित अनामिका शुक्ला ने की 25 जगहों पर नौकरी... फर्जीवाड़े में गोंडा बीएसए समेत 8 के खिलाफ केस दर्ज, जानिए मामला

 

गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा के बहुचर्चित अनामिका शुक्ला फर्जीवाड़ा कांड में अब केस दर्ज किया गया है। दरअसल, वर्ष 2017 में फर्जीवाड़े की शुरुआत हुई थी। मामले का खुलासा वर्ष 2020 में हुआ। शिक्षा विभाग के सामने आया कि अनामिका शुक्ला नाम पर यूपी के 25 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में नौकरी कर वेतन उठाया जा रहा है। यह राशि करोड़ों रुपये में थी। मामले में यूपी सरकार ने संज्ञान लिया। जांच का जिम्मा यूपी एसटीएफ को दिया गया। अब इस मामले में केस दर्ज होने की बात सामने आई है।


8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

गोंडा के इस मामले में अनामिका शुक्ला समेत 8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। कोर्ट के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इसमें बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी का भी नाम शामिल है। इन लोगों पर फर्जीवाड़ा कर 25 स्थानों से वेतन उठाए जाने का आरोप लगा है। मामले के आरोपियों में तत्कालीन वित्त एवं लेखा अधिकारी सिद्धार्थ दीक्षित, क्लर्क सुधीर सिंह, अनुपम पांडेय, भैया चंद्रभान दत्त स्मारक स्कूल के मैनेजर दिग्विजयनाथ पांडेय शामिल हैं।



लगाए गए थे गंभीर आरोप

प्रदीप कुमार पांडेय ने मामले में शिकायत दर्ज कराई थी। कोर्ट में दी गई अर्जी में प्रदीप कुमार पांडेय ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में एक सिंडिकेट सक्रिय है। यह सिंडिकेट युवाओं की डिग्री का उपयोग कर फर्जी नियुक्तियां कराता है। इस प्रकार के फर्जीवाड़े से करोड़ों रुपये के गबन का खेल चल रहा है। मामले के बाद जांच शुरू हुई। शुरुआती दिनों में यूपी एसटीएफ के सामने कई चुनौतियां आईं।




यूपी एसटीएफ के सामने सबसे बड़ी चुनौती अनामिका शुक्ला की पहचान की थी। अनामिका शुक्ला कौन है? कहां की रहने वाली है? इस पर जांच आगे बढ़ी। इसी दौरान अचानक असली अनामिका शुक्ला गोंडा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के ऑफिस आई।


दिया था शिकायती पत्र

अनामिका शुक्ला ने गोंडा के बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र दिया। इसमें उसने दावा किया कि उसके शैक्षणिक दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल किया गया है। वह बेरोजगार है और उसके नाम पर 25 लोग नौकरी कर रहे हैं। इस समय तक एसटीएफ ने जांच करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। मामला सामने आने के बाद वर्ष 2020 में अनामिका शुक्ला को अस्थाई तौर पर भैया चंद्रभान दत्त लघु माध्यमिक विद्यालय रामपुर के प्रबंधक से अप्वाइंटमेंट लेटर दिलाया गया। शिक्षा विभाग को यह दिखा दिया गया कि अनामिका शुक्ला को गोंडा में असिस्टेंट टीचर के पद पर नौकरी मिल गई है।


हालांकि, मामले में दिलचस्प पहलू यह है कि शिक्षा विभाग की जांच में सामने आया कि अनामिका शुक्ला भैया चंद्रभान दत्त लघु माध्यमिक विद्यालय में वर्ष 2017 से तैनात है। वह वहां से वेतन भी ले रही है। इसके बाद वर्ष 2020 में उसकी फिर से नियुक्ति कैसे हो गई? इसके बाद अनामिका शुक्ला की नियुक्ति पर रोक लगा दी गई। मामले की जांच नए सिरे से शुरू हुई।



लगाया गंभीर आरोप

प्रदीप पांडेय ने मामले में गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि युवाओं का डेटा लीक कर फर्जीवाड़े का खेल खेला गया। उनका दावा है कि फर्जी नियुक्तियां कर रुपयों का गबन किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि 9 जनवरी 2025 तक अनामिका शुक्ला के खाते में सैलरी आई। मामले में डीएम का कहना है कि सैलरी संशोधन पत्र अगस्त 2024 के आधार पर वेतन भेजा गया है।


फर्जीवाड़े के मामले में नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया गया है। इस संबंध में नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच दरोगा शुभम दुबे को सौंपी गई है। पुलिस ने कहा कि सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।