25 August 2025

भर्ती परीक्षाओं में बदलाव का बनाया रिकॉर्ड

 

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने एक साल में चार प्रमुख भर्ती परीक्षाओं के प्रारूप में बदलाव कर नया रिकॉर्ड बनाया है। परीक्षा में पारदर्शिता के लिए इन बदलावों से अब लिखित परीक्षा का महत्व बढ़ गया है। हालांकि, बदलावों के बाद आयोग को विरोध का सामना भी करना पड़ा।



आयोग की ओर से 17 दिसंबर 2024 को जारी सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा परीक्षा के विज्ञापन ने अभ्यर्थियों को चौंकाया। पहले यह भर्ती केवल एक लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के माध्यम से होती थी लेकिन आयोग ने अहम बदलाव कर प्रारंभिक, मुख्य परीक्षा और इंटरव्यू के माध्यम से चयन प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया।


इसके साथ ही आयोग ने एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए तय किया कि सम्मिलित राज्य अभियंत्रण सेवा की प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार के सवाल पूछे जाएंगे।


दोनों ही परीक्षा में निगेटिव मार्किंग होगी। इस व्यवस्था ने अभ्यर्थियों के लिए चुनौती और बढ़ा दी। हालांकि, प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम को लेकर अभ्यर्थियों ने अपना विरोध दर्ज कराया लेकिन परीक्षा होने के बाद यह विवाद भी खत्म हो गया।



एलटी ग्रेड भर्ती में हुए दो बड़े बदलाव


आयोग ने सबसे बड़ा बदलाव एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में किया। पहले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज यह भर्ती एक परीक्षा के माध्यम से होती थी लेकिन आयोग ने 28 जुलाई 2025 को दो बड़े बदलावों के साथ इस भर्ती का विज्ञापन जारी किया। यह भर्ती अब प्रारंभिक व मुख्य परीक्षा के माध्यम से कराई जाएगी। इसमें शामिल होने के लिए शैक्षिक अर्हता के रूप में बीएड की डिग्री अनिवार्य कर दी गई है। पहले अनिवार्य अर्हता केवल परास्नातक की डिग्री थी।


असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में लिखित परीक्षा को तरजीह


आयोग ने राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए होने वाली परीक्षा में भी अहम बदलाव किया है। हालांकि, आयोग ने इसका विज्ञापन अभी जारी नहीं किया है लेकिन प्रदेश सरकार की कैबिनेट से बदलाव को मंजूरी दे दी है। असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर चयन अब लिखित परीक्षा व इंटरव्यू के प्राप्तांकों के आधार पर किया जाएगा। यानी मेरिट लिखित परीक्षा व इंटरव्यू में मिले नंबरों के आधार पर तैयार की जाएगी। पहले केवल इंटरव्यू में मिले नंबरों के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया था। इससे पहले अभ्यर्थियों की छंटनी के लिए एक स्क्रीनिंग परीक्षा होती थी लेकिन स्क्रीनिंग परीक्षा के अंकों की अभ्यर्थी के चयन में कोई भूमिका नहीं होती थी। ऐसे में आयोग पर मनमाने तरीके से चयन करने के आरोप लगते थे। यह बदलाव असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।


आरओ/एआरओ प्री में दो की जगह एक प्रश्नपत्र


आयोग ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) / सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) प्रारंभिक-2023 में भी एक महत्वपूर्ण बदलाव किया और दो की जगह केवल एक प्रश्नपत्र कर दिया। पहले दो पालियों में सामान्य अध्ययन व सामान्य हिंदी की परीक्षा होती थी लेकिन बदलाव के बाद दोनों प्रश्नपत्रों को समायोजित करते हुए एक ही पाली में परीक्षा कराई गई.