प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार के प्राथमिक विद्यालयों के विलय संबंधी आदेश पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की एकलपीठ ने पीलीभीत निवासी सुबोध सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में लखनऊ खंडपीठ पहले ही फैसला सुना चुकी है। ऐसे में पुनः हस्तक्षेप का औचित्य नहीं बनता।
याचियों ने सरकार के 16 जून 2025 के उस शासनादेश को चुनौती दी थी जिसमें प्राथमिक
विद्यालयों के विलय का निर्देश दिया गया था। पीलीभीत के बिलसंडा विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय चांदपुर में प्रतिवादियों के हस्तक्षेप पर रोक लगाने और बेसिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी 25 जून 2025 के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी।
याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि इस तरह के विलय से
विद्यालय की स्वायत्तता, शिक्षकों की तैनाती और बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। वहीं, सरकार की ओर से पेश अधिवक्ता ने बताया कि ठीक यही मुद्दा लखनऊ खंडपीठ में उठ चुका है। सात जुलाई 2025 को उसे सिरे से खारिज करते हुए आदेश पारित कर दिया गया था।
शाहजहांपुर के शशि, उपासना, अविनास पाल, निलेश कुमार और दीप शिखा ने भी याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने लखनऊ खंडपीठ के फैसले का हवाल दे याचिका निस्तारित कर दी थी।