प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2026 के लिए ऑनलाइन उपस्थिति लेने वाले स्कूलों को केंद्र निर्धारण में प्राथमिकता दी जाएगी। बोर्ड ने एक जुलाई से सभी 28 हजार से अधिक राजकीय सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूलों में ऑनलाइन हाजिरी को अनिवार्य किया है।
बोर्ड मुख्यालय को भेजी जा रही रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में एक तिहाई स्कूल भी ऑनलाइन उपस्थिति नहीं ले रहे हैं। बोर्ड की इस पहल को लेकर शिक्षक संघों के विरोध, प्राथमिक स्कूलों के विलय को लेकर पहले से चल रहे विवाद के बीच यूपी बोर्ड के अफसर ऑनलाइन हाजिरी की अनिवार्यता को लेकर सख्ती करने से बच रहे हैं।
हालांकि इस व्यवस्था को नहीं मानने वाले स्कूलों को केंद्र निर्धारण के दौरान झटका देने की तैयारी है। बोर्ड की ओर से फिलहाल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं का ऑनलाइन पंजीकरण चल रहा है जो पांच अगस्त को पूरा होगा। इस बीच केंद्र निर्धारण नीति भी तैयार की जा रही है। पिछले सालों में विभिन्न मानकों
जैसे विद्यालय की श्रेणी, परीक्षा परिणाम, स्कूलों में उपलब्ध संसाधन वगैरह के आधार पर स्कूलों की मेरिट बनाते हुए केंद्र निर्धारण किया जाता रहा है।
इस साल उन मानकों में ऑनलाइन उपस्थिति लेने वाले स्कूलों को भी कुछ अंक मिलेंगे जिससे उन्हें केंद्र निर्धारण में वरीयता दी जा सके।
15 और स्कूलों को मिली यूपी बोर्ड की मान्यता
प्रयागराज। 15 और स्कूलों को यूपी बोर्ड से मान्यता दी गई है। शासन के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्ता की ओर से 30 जुलाई को जारी आदेश में प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय के 13, मेरठ और बरेली के एक-एक स्कूल को मान्यता दी गई है। प्रयागराज जिले में श्रीमती कुसुमकली इंटर कॉलेज बेलवनिया कोरांव को इंटर मानविकी एवं विज्ञान वर्ग की नवीन मान्यता, जबकि हर्ष इंटरमीडिएट कॉलेज शुकुलपुर गिर्द कोट धनुपुर हंडिया को सीधे हाईस्कूल नवीन (छह से दस) एवं इंटर वैज्ञानिक व अनन्त स्मारक लाल इंटर कॉलेज बैजला जसरा को सीधे हाईस्कूल नवीन (छह से दस) एवं इंटर वैज्ञानिक एवं मानविकी वर्ग की मान्यता दी गई है।