औरैया मामला -
एक याचिकाकर्ता का विद्यालय समायोजन के बाद “एकल विद्यालय” हो गया था।
यानी उसमें छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षक नहीं रह गए, या स्कूल नियमों के अनुसार चल नहीं सकता था। RTE और PTR (पupil-teacher ratio) के खिलाफ है।
सरकार ने “शिक्षा मित्र” को शिक्षक की श्रेणी में गिन लिया हो, जिससे PTR गड़बड़ा गई हो सकती है।
बीएसए का पक्ष – कोर्ट में याचिकाकर्ता के grievance पर बीएसए ने कहा कि:
हमने याचिकाकर्ता की शिकायत को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठा लिए हैं।
अगली तारीख पर याचिकाकर्ता से कहा गया कि वह अपने अधिवक्ता द्वारा कोर्ट को बताए कि बीएसए ने याचिका में मांगी गई प्रार्थना स्वीकार की है या नहीं।
यही पूरी बात है –
न तो समायोजन निरस्त हुआ है , matte rएक याचिकाकर्ता से जुड़ा है
फिर भी अफवाह क्यों फैलाई जा रही है?
सोशल मीडिया पर बिना समझे “समायोजन निरस्त” फैलाए जा रहे हैं।
कई लोग आदेश पढ़े बिना बस पोस्ट शेयर कर रहे हैं।
लोगों में भ्रम पैदा हो रहा है।
आपके लिए सलाह
आदेश पूरा पढ़े बिना निष्कर्ष न निकालें।
कोर्ट की प्रक्रिया समझें, यह एक केस तक सीमित है।
यदि आपके पास याचिका की प्रार्थना हो तो भेजें, हम समझा देंगे कि उसमें क्या माँग की गई है |
#rana